रंगीन कागजों की जहरीली होती है स्याही; भूलकर भी न खाएं खाना, हो सकता है कैंसर
रंगीन कागजों पर जिस स्याही का इस्तेमाल होता है वह केमिकलयुक्त होता है. कागज पर भोजन परोसने की प्रथा भारतीयों के लिए धीमा जहर का काम कर रही है. क्योंकि छोटे होटल, वेंडर्स और घरों में भी ये प्रचलन चल रहा है.
highlights
- न्यूज पेपर, कार्डबोर्ड रीसाकल्ड पेपर से बनाए जाते हैं, जिसमें ढेर सारे केमिकल होते हैं
- ये केमिकल ऑर्गन और इम्यून सिस्टम पर असर डालते हैं
- इससे कैंसर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं
नई दिल्ली:
विश्व भर में हर साल करीब 96 लाख लोगों की मौत कैंसर की वजह सेहोती है. भारत में हर साल एक लाख से अधिक नए कैंसर के मामले सामने आते हैं. कैंसर आजकल बहुत ही कॉमन बीमारी होती जा रही है और इसके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं. कैंसर होने की मुख्य वजह क्या है, यह अभी तक पता नहीं चल सका है. कैंसर होने के अनेक कारण हैं. जिसमें ध्रूमपान, शराब और केमिकल आदि वजहें बताई जाती है.
आज का दौर भाग-दौड़ वाला है. हर कोई काम और रोजगार के चक्कर में घर से बाहर रहता है. ऐसे में खाने-पीने के लिए वह होटल, ढाबों ओर फास्टफूड पर आश्रित रहता है. होटलों और सड़कों के किनारे मिलने वाले स्ट्रीट फूड स्वादिष्ट तो होते हैं लेकिन अधिकांश स्थानों पर पर्याप्त सफाई का ध्यान नहीं दिया जाता. इसके साथ ही थर्माकोल और कागज आदि पर भोजन परोसा जाता है. खासकर ठेले पर वड़ा पाव, पोहा, मिठाई और भेल जैसे सामान के लिए प्लेट की जगह कागज इस्तेमाल किया जाता है. रंगीन कागजों पर जिस स्याही का इस्तेमाल होता है वह केमिकलयुक्त होता है. कागज पर भोजन परोसने की प्रथा भारतीयों के लिए धीमा जहर का काम कर रही है. क्योंकि छोटे होटल, वेंडर्स और घरों में भी ये प्रचलन चल रहा है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना केस, तीसरे दिन 180 से ज्यादा मामले
न्यूज पेपर, कार्डबोर्ड रीसाकल्ड पेपर से बनाए जाते हैं, जिसमें ढेर सारे केमिकल होते हैं. ये केमिकल ऑर्गन और इम्यून सिस्टम पर असर डालते हैं. इससे कैंसर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. सड़क किनारे बिकने वाले खाने के ज्यादातर आइटम कागज में ही लपेटकर दिए जाते हैं. यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और कैंसर का कारक भी बन सकता है.
महाराष्ट्र में कागज पर खाद्य सामग्री बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. महाराष्ट्र (Maharashtra) के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) (FDA) ने खाने के सामान को छपे हुए कागज में देने पर प्रतिबंध (Ban) लगा दिया है. इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है. आदेश में कहा गया है कि छपे हुए कागज में खाने का कोई भी आइटम न बेचा जाए. क्योंकि इसकी स्याही (Ink) सेहत के लिए बहुत खतरनाक है.
एफडीए ने कहा कि इसे अगर तुरंत बंद नहीं किया जाता है तो विक्रेता कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. एफडीए ने आदेश में कहा कि छपे हुए कागज में जिस स्याही इस्तेमाल की जाता है, उसमें केमिकल की मिलावट होती है. इसलिए इस तरह के कागज में खाने वाले आइटम नहीं दिए जा सकते हैं. राज्य के सभी कारोबारियों को खाने का सामान ऐसे किसी कागज में देने पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया गया है. आदेश के अनुसार इस तरह सामान देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
एफडीए के संयुक्त आयुक्त शिवाजी देसाई ने कहा कि साल 2016 में फूड सेफ्टी एंट स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी. इस एडवाइजरी में फूड आइटम को छपे हुए कागज में लपेटने पर भी बैन लगाया गया था. इस संबंध में काफी शिकायतें मिली हैं कि अभी भी अखबारों में खाने वाले आइटम दिए जा रहे हैं. इसलिए ये आदेश जारी किया गया है.
एफएसएसएआई ने 6 दिसंबर 2016 को इस संबंध में एक आदेश जारी किया था. उसमें सभी राज्यों से कहा था कि भारत में खाने के आइटम की अखबारों में पैकेजिंग करने और देने की प्रैक्टिस आम हो गई है. ये फूड सेफ्टी के लिए खतरा है. इस तरह के आइटम को खाने से स्वास्थ्य के लिए खतरा होता है. यहां तक खाना हाइजीनिक तरीके से बनाया गया हो तो भी स्याही के संपर्क में आने से ये स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी