बारिश में भीगने से आपके बच्चों को हो सकता है निमोनिया, इन 5 चीजों के उपयोग से कर सकते हैं बचाव

बारिश या सर्दी के दिनों में बच्‍चों में निमोनिया का संक्रमण आम हो जाता है क्योंकि बच्‍चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है. आजकल बारिश का मौसम है और बच्चों को बारिश में खेलना या भीगना पसंद होता है.

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Sunil Mishra
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बारिश में भीगने से आपके बच्चों को हो सकता है निमोनिया, ऐसे करें बचाव( Photo Credit : File Photo)

बारिश या सर्दी के दिनों में बच्‍चों में निमोनिया का संक्रमण आम हो जाता है क्योंकि बच्‍चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है. आजकल बारिश का मौसम है और बच्चों को बारिश में खेलना या भीगना पसंद होता है. बच्चों को सर्दी-जुकाम हो सकता है और कंट्रोल न होने पर यह निमोनिया का रूप ले सकता है. इसलिए जरूरी ये है कि आप बच्चों का खानपान ठीक रखें. आइए जानते हैं ऐसी कौन सी चीजें हैं, जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को निमोनिया से बचाकर रख सकते हैं.

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पुदीना और नीलगिरी की चाय दें
बारिश में भींगने के बाद निमोनिया से बचने के लिए बच्चों को पुदीना, नीलगिरी और मेथी की चाय पिलाएं. बारिश में ये हर्बल टी गले खरास दूर रखती है. एक अध्ययन में पाया गया है कि पुदीना और नीलगिरी सहित जड़ी-बूटियां ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण वाले लोगों के गले पर अच्‍छा प्रभाव डालते हैं. ये जड़ी-बूटियां बलगम को तोड़ने व निमोनिया से होने वाले दर्द व सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं.

प्रोटीन युक्त भोजन बच्‍चों को दें
निमोनिया से पीड़ित बच्‍चों को प्रोटीन से भरपूर आहार देना चाहिए. नट्स, सीड्स, बीन्स, व्हाइट मीट और मछलियों में भरपूर प्रोटीन होता है और ये एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वाले होते हैं. ये आपको इम्यूनिटी को बढ़ाकर बीमारी को जल्द ठीक करने में मदद करते हैं. साथ ही आप पूरे अनाज जैसे क्विनोआ, ब्राउन राइस, जई, जौ में कार्बोहाइड्रेट सामग्री से बनी चीजें भी खिला सकते हैं.

प्रोबायोटिक्स है मददगार
दही जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद प्रोबायोटिक्स निमोनिया पैदा करने वाले रोगज़नक़ विकार को रोकते हैं. वे प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देते हैं क्योंकि वे आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं. साथ ही आप खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा और बैरिज आदि खा सकते हैं.

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मेथी के बीज हैं काम के
एक अध्‍ययन के अनुसार, बलगम का खतरा कम करने में मेथी के बीज बहुत काम के होते हैं. मेथी के बीज से बनी चाय लगातार आ रही खांसी को कम कर सकती है. इसका तेल खांसी से राहत प्रदान कर सकता है. इसके अलावा, मेथी के बीज बुखार के दौरान शरीर के तापमान को कम करने और पसीना निकालने में मददगार होते हैं.

सोने से पहले शहद-दालचीनी चटाएं
शहद अपने हीलिंग गुणों के लिए जाना जाता है. यह खांसी-सर्दी ठीक करने में सहायक है और निमोनिया के लक्षणों को कम कर सकता है. इसमें जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं. वहीं दालचीनी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से लबालब है. अगर बच्चा बारिश में भीग गया है तो उसे सोने से पहले दालचीनी को पीसकर शहद में मिलाकर चटाना चाहिए.

Source : News Nation Bureau

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