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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- 'कोरोना में अस्पताल नहीं दे रहे कैशलेस सुविधा तो होगा एक्शन'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए कहा है कि उनके सामने ऐसी कई शिकायते हैं जहां अस्पताल कैशलेस इंश्योरेंस देने से मना कर रहे हैं. इस मुद्दे पर उन्होंने इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के चेयरमैन एस सी खुंटिया से बात की है.

Updated on: 22 Apr 2021, 09:42 PM

highlights

  • वित्तमंत्री ने IRDAI के चेयरमैन एससी खुंटिया से बात की
  • कैशलेस सुविधा नहीं देने पर अस्पताल पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली:

कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर में देश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है. अस्पतालों में बेड्स, आईसीयू और ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है. तो वहीं कोरोना (COVID-19) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमेडिसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के कालाबाजारी की खबरें भी सामने आई हैं. इसके अलावा देश के कई हिस्सों में अस्पताल लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ नहीं दे रहे हैं. इन तमाम बातों के सामने आने पर केंद्र सरकार एक्शन में आ चुकी है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज IRDAI के चेयरमैन एससी खुंटिया (SC Khuntia) से बात की.

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अब यदि अस्पताल ने आपको कैशलेस इंश्योरेंस होने के बावजूद कैशलेस सुविधा नहीं दी तो अब इस पर एक्शन होने की उम्मीद है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए कहा है कि उनके सामने ऐसी कई शिकायते हैं जहां अस्पताल कैशलेस इंश्योरेंस देने से मना कर रहे हैं. इस मुद्दे पर उन्होंने इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के चेयरमैन एस सी खुंटिया से बात की है और तुरंत एक्शन लेने को कहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बीमा नियामक को COVID-19 दावों के प्राधिकरण और निपटान को प्राथमिकता देने के लिए कंपनियों को निर्देशित करना चाहिए.

सीतारमण ने कहा कि कुछ अस्पतालों द्वारा कैशलेस बीमा से इनकार करने की रिपोर्ट मिल रही है. इस स्थिति से निपटने के लिए एससी खुंटिया से तत्काल कार्रवाई करने के लिए बात की है. वित्तमंत्री ने कहा कि कैशलेस सुविधाएं अब अस्थायी अस्तपालों में भी उपलब्ध हैं. मार्च 2020 में, COVID-19 को व्यापक स्वास्थ्य बीमा के एक भाग के रूप में शामिल किया जा चुका है. वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि 20 अप्रैल 2021 तक इंश्योरेंस कंपनियों ने 9 लाख से ज्यादा कोविड से जुड़े क्लेम दिए गए हैं जो करीब 8 हजार 642 करोड़ रुपये के करीब होते हैं. 

उन्होंने कहा कि कोरोनो वायरस के उपचार से संबंधित सामान्य बीमाकर्ताओं को 15 हजार करोड़ रुपये के स्वास्थ्य बीमा के दावे प्राप्त हुए हैं. जुलाई 2020 में IRDAI ने यह भी स्पष्ट किया था कि सभी सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को COVID-19 के लिए सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्थायी अस्पतालों में किए गए दावों को पहचानना होगा. यहां तक कि टेली-परामर्श जो भुगतान किए जाते हैं उन्हें स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया जा सकता है.

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सीतारमण ने कहा कि इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI कंपनियों को निर्देश देगा ताकि वे ऐसे कोविड मामलों में सेटलमेंट और मंजूरी को प्राथमिकता दें. वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि 20 अप्रैल 2021 तक इंश्योरेंस कंपनियों ने 9 लाख से ज्यादा कोविड से जुड़े क्लेम दिए गए हैं जो करीब 8,642 करोड़ रुपये के करीब होते हैं. उन्होंने जानकारी दी कि कैशलेस सुविधा (Cashless Insurance) में टेली-कंसल्टेशन भी कवर किए जाते हैं.