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Corona से जंग में मिलेगा एक और हथियार, जुलाई में जॉनसन की वैक्सीन

भारत के परिवेश में यह वैक्सीन बेहद अनुकूल है. वायरल वेक्टर आधारित इस वैक्सीन का रखरखाव बेहद आसान है.

Updated on: 27 Jun 2021, 08:29 AM

highlights

  • वैक्सीन की कीमत भारत में लगभग 1,800 रुपये
  • खास बात यह है कि यह सिंगल डोज वैक्सीन है
  • मरीजों को यह सौ फीसद सुरक्षा प्रदान करती है

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के खिलाफ जारी जंग में भारत को अगले महीने बतौर कारगर हथियार एक और वैक्सीन (Vaccine) मिलने की उम्मीद है. अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) की कोरोना रोधी वैक्सीन जुलाई में भारत को मिल जाएगी. हालांकि शुरू में बहुत कम मात्रा में ही यह वैक्सीन उपलब्ध होगी. सबसे खास बात यह है कि यह सिंगल डोज वैक्सीन है. बताते हैं कि एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया) अमेरिकी कंपनी से सीधे वैक्सीन हासिल करने के लिए बातचीत कर रही है. एक डोज वाली इस वैक्सीन की कीमत भारत (India) में 25 डालर यानी लगभग 1,800 रुपये होगी.

भारतीय परिवेश के अनुकूल
भारत के परिवेश में यह वैक्सीन बेहद अनुकूल है. वायरल वेक्टर आधारित इस वैक्सीन का रखरखाव बेहद आसान है. इसको रखने के लिए कम तापमान वाले रेफ्रिजरेटर की जरूरत नहीं होगी. देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति को देखते हुए टियर-2 शहरों के लिए यह वैक्सीन बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है. जॉनसन एंड जॉनसन देश में इसकी निर्माण प्रक्रिया और विशिष्टताओं को प्रमाणित करने के लिए पहले ही सरकार के साथ बातचीत कर रही है. भारत में क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने के लिए कंपनी ने अप्रैल में ही सरकार से संपर्क किया था. अब नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक कंपनी को देश में ट्रायल करने की जरूरत नहीं है. भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अमेरिकी दवा नियंत्रण से मिली मंजूरी के आधार पर ही इसके देश में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी.

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66.3 फीसद कारगर है वैक्सीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक कोरोना वायरस के हल्के और मध्यम श्रेणी के संक्रमण के खिलाफ जॉनसन की यह वैक्सीन 66.3 फीसद कारगर पाई गई है, जबकि गंभीर से अत्यधिक गंभीर संक्रमण के खिलाफ 76.3 फीसद प्रभावी है. यही नहीं, इसके लेने के 28 दिन बाद संक्रमण होने पर भी मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती यानी ऐसे मरीजों को यह सौ फीसद सुरक्षा प्रदान करती है. फिलहाल मोदी सरकार कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-V के बल पर टीकाकरण अभियान चला रही है.