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प्रेगनेंसी में इस चीज़ से दूरी बनाना है फायदेमंद, बच्चे होंगे स्वस्थ

प्रेग्‍नेंसी के दौरान मोबाइल फोन के इस्‍तेमाल से पेट में पल रहे बच्‍चे के विकास पर बुरा असर पड़ता है और इसकी वजह से प्रीमेच्‍योर डिलीवरी तक हो सकती है.

Updated on: 03 May 2022, 07:03 PM

New Delhi:

सबको पता है कि मोबाइल का इस्तेमाल अगर ज्यादा किया जाए तो खतरनाक होता है. क्योंकि उसमे से निकलने वाली रेंज बॉडी को नुक्सान पहुंचाती है. खासतौर पर प्रेग्‍नेंट महिला और उसके पेट मे पल रहे बच्‍चे के लिए ये और भी खतरनाक हो सकता है. प्रेग्‍नेंसी के दौरान मोबाइल फोन के इस्‍तेमाल से पेट में पल रहे बच्‍चे के विकास पर बुरा असर पड़ता है और इसकी वजह से प्रीमेच्‍योर डिलीवरी तक हो सकती है. मोबाइल के इस्तेमाल से प्रेग्नेंट महिलाओं को सर दर्द, पेट दर्द, आखों में जलन और कई तरह की बीमारियां होती हैं. अगर आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. 

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वायरलेस डिवाइस कैसे करता है प्रभावित 

दरअसल जब हम मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी तरह के वाइफाई या वायरलेस डिवाइस के संपर्क में आते हैं तो इससे हर वक्‍त इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक रेडियो वेव्‍स निकलते रहते हैं. ये वेव्‍स हमारे शरीर के डीएनए को डैमेज करने की क्षमता रखते हैं और हमारे शरीर में बन रहे जीवित सेल्‍स के मोलक्‍यूल्‍स को खत्म या बदल सकते हैं. 

इस तरह करें बचाव

-घर में जहां तक हो सके वाई फाई या ब्‍लूटूथ का इस्‍तेमाल कम करें.

-बेहतर होगा अगर आप मोबाइल की बजाय लैंड लाइन फोन का इस्‍तेमाल करें.

-रेडियो, माइक्रोवेव, एक्‍सरे मशीन आदि से दूरी बनाएं.  

-गर्भवती महिलाओं में रेडिएशन से मस्तिष्क की गतिविधि पर भी प्रभाव पड़ सकता है जिससे थकान, चिंता और नींद में रुकावट पैदा होती है.

-मां गर्भावस्था के दौरान फोन का अधिक इस्तेमाल करे. जितना हो सके मोबाइल से दूर रहे. चैटिंग कम करें. 

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