प्राणायाम और आसन से हो सकती है हार्ट अटैक की रोकथाम, दिल के मरीजों को होता है फायदा
International Yoga Day 2023: आज दुनियाभर में योग दिवस मनाया जा रहा है. योग हमें न सिर्फ स्वस्थ रखता है बल्कि कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी बचाता है. डॉक्टर्स के मुताबिक, योग से हार्ट अटैक के खतरे को भी कम किया जा सकता है.
highlights
- हार्ट के मरीजों के लिए योगाभ्यास
- योग से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है
- मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है योग
New Delhi:
International Yoga Day 2023: आज दुनियाभर में योग दिवस मनाया जा रहा है. योग हमें न सिर्फ स्वस्थ रखता है बल्कि कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी बचाता है. डॉक्टर्स के मुताबिक, योग से हार्ट अटैक के खतरे को भी कम किया जा सकता है. साथ ही दिल के मरीजों के लिए भी ये काफी फायदेमंद है. यही नहीं जिन लोगों को हार्ट अटैक आ चुका है ऐसे लोग भी योग के जरिए अपनी जीवन शैली को बदलकर स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं. योग से न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि इससे मांसपेशियों की टोन और संतुलन में भी सुधार होता है. प्राणायाम और ध्यान जैसे अभ्यास करने से ब्लड प्रेशर को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद मिलती है.
योगाभ्यास से ठीक रहता है ब्लड सर्कुलेशन
योगाभ्यास से मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है. इसका रोजाना अभ्यास किया जाए तो हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसके साथ ही उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करने के अलावा ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए भी योग अभ्यास से फायदा होता है. पिछले कुछ सालों में हार्ट के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. जिसमें कम उम्र के लोगों में भी हृदय संबंधी गंभीर खतरे को देखा गया है. वहीं 40 साल से ज्यााद आयु के लोगों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो गया है. इसके अलावा जिम जाने और फिटनेस ध्यान देने वाले कम उम्र के लोगों में भी दिल का दौरा पड़ने की परेशानी देखने को मिली है. ऐसे में योगाभ्यास करने से दिल के दौरे के खतरे को कम किया जा सकता है.
क्योंकि योगाभ्यास हृदय रोग की वजह बनने वाले उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. जिससे हृदय गति को कम करने में मदद मिल सकती है. इसके साथ ही योग करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा भी कम देखने को मिला है. योग से हृदय की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है और ये अन्य रोगों के खतरे को भी कम करने में मदद करता है. हृदय रोगियों को नीचे दिए गए कुछ आसान काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
प्राणायाम से मिलता है फायदा
प्राणायाम के रूप में जाने जाने वाले सांस के व्यायाम के अपने कई फायदे हैं, लेकिन हृदय रोगियों को किन प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए ये समझना जरूरी है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हृदय रोग के निदान के बाद प्राणायाम कर रहे हैं, तो अनुलोम विलोम, या वैकल्पिक नासिका श्वास, और कुम्भक या श्वास प्रतिधारण करने से बचना चाहिए. इसके लिए अनुशंसित प्राणायाम अभ्यास अच्छा है. जिसमें आप अपने कानों को बंद करते हुए सांस लेते हैं और फिर अपनी नाक से सांस छोड़ते हैं. सांस छोड़ने से पहले ध्वनि करने से आपको बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है. प्राणायाम से पूरा शरीर लचीला होता है और हृदय की क्षमता में सुधार व हृदय की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं. हृदय की सेहत के लिए धनुरासन का असरदार है. इससे हृदय की मांसपेशियां मजबूत बनती है. पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग के साथ ही हृदय पर अतिरिक्त पड़ने वाला दबाव कम होता है.
शशांक या खरगोश मुद्रा आसन
इन सरल अभ्यासों के कुछ महीनों के बाद, हृदय रोगी, शशांक आसन यानी खरगोश मुद्रा आसन कर सकता है. जिसमें अपने हाथों को अपने घुटनों पर आराम से बैठकर शरीर को आराम दिया जाता है. इस दौरान गहरी सांस लें और अपनी बाहों को अपने सिर के ऊपर सीधा रख लें. उसके बाद सांस छोड़ते हुए शरीर को कमर से आगे की ओर झुकाएं. इस दौरान आपने हाथ सीधे रखते हुए कूल्हे आपकी एड़ी पर टिके रहें. और आखिर में आप सामने की ओर फर्श पर लेट जाएं. जिसमें आपका माधा हाथों को फैलाकर फर्श पर टिका होगा.
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खरगोश की मुद्रा में तब तक रहें जब तक यह आरामदायक हो या कम से कम पांच राउंड करें. आखिर में सांस भरते हुए हाथों को सिर के ऊपर रखते हुए वापस बैठ जाएं. उसके बाद अंत में घुटनों के बल नीचे आ जाएं. मकरासन में हल्के से पीछे की ओर झुकने का अभ्यास शामिल है, जो फेफड़ों की कार्यप्रणाली में सुधार करता है, जिससे हृदय प्रभावित होता है और पीठ के निचले हिस्से को मजबूती मिलती है. इसके बाद नौकासन करें. जो अच्छे खिंचाव के लिए जरूरी है. शवासन के साथ इनका पालन करना अच्छा रहता है. सूर्यनमस्कार हृदय-सुरक्षात्मक अभ्यास के उद्देश्यों और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक अच्छा विकल्प है.
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