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इंतजार खत्म! दो दिन में आएगी कोरोना की पहली वैक्सीन, इस देश को मिली कामयाबी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के मुताबिक इस समय दुनियाभर में 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के दौर में हैं. इनमें कई वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में हैं.

Updated on: 10 Aug 2020, 09:29 AM

मॉस्को:

कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर पूरी दुनिया में जारी है. इसकी वैक्सीन (Vaccine) बनाने के लिए पूरी दुनिया में वैज्ञानिक दिनरात कोशिश कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के मुताबिक इस समय दुनियाभर में 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के दौर में हैं. इनमें कई वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण में हैं. इसी बीच रूस (Russia) 12 अगस्त को कोरोना वैक्सीन का पंजीकरण करने जा रहा है. रूस के मुताबिक यह वैक्सीन कोरोना की पहली वैक्सीन होगी.

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अक्टूबर से शुरू हो सकता ही वैक्सीन लगाने का काम
इस वैक्सीन को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ी संस्था गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है. रूस का कहना है कि वैक्सीन ट्रायल में सफल रही तो अक्टूबर से इसे देश में बड़े पैमाने पर लोगों के लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. सबसे जरूरी चीज यह है कि नागरिकों को राहत देते हुए कहा कि इस टीकाकरण अभियान में आने वाला पूरा खर्च सरकार उठाएगी. इस मामले में रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिदनेब का कहना है कि वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल अब खत्म होने के कगार पर है.

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ओलेग ग्रिदनेब ने बताया कि हमारी तरफ से वैक्सीन को लेकर सारी तैयारी हो चुकी है और 12 अगस्त को दुनिया की पहली वैक्सीन का पंजीकरण कराया जाएगा. रूस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान जिन लोगों को यह वैक्सीन दी गई उनके अंदर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) पाई गई. इससे साबित होता है कि वैक्सीन अपना काम बेहतर तरीके से कर रही है. रूस के वैज्ञानिक भले ही वैक्सीन का पंजीकरण कराने की बात कर रहे हो लेकिन दुनिया के कई देशों को रूस की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है.