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Health Tips: बैली फैट घटाकर पाना चाहते हैं स्लिम ट्रिम फिगर, तो आज ही अपनाएं ये बेजोड़ नुस्खे

हर व्यक्ति सुन्दर और आकर्षक दिखना चाहता है, लेकिन मोटापा और मोटापे से कही अधिक बैली फैट की समस्या ने आजकल लोगों को काफी परेशान किया हुआ है. खराब लाइफस्टाइल और बेवक्त खानपान की आदतों की वजह से ज्यादातर लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं.

Updated on: 27 Jul 2021, 01:46 PM

highlights

  • 5 तरह के होते हैं बैली फैट 
  • रेगुलर एक्सेसाईज के साथ फाइबर फ़ूड से कर सकते हैं इसे दूर 

नई दिल्ली:

हर व्यक्ति सुन्दर और आकर्षक दिखना चाहता है, लेकिन मोटापा और मोटापे से कही अधिक बैली फैट की समस्या ने आजकल लोगों को काफी परेशान किया हुआ है. खराब लाइफस्टाइल और बेवक्त खानपान की आदतों की वजह से ज्यादातर लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. जब बात पेट की चर्बी की आती है, तो ये शरीर के विसरल पार्ट या सबक्यूटेनियस हिस्से में हो सकती है यानी शरीर के ऊपरी भाग या निचले भाग में हो सकती है. समस्या भले ही गंभीर हो लेकिन इसका इलाज मुमकिन है और आज हम आपको बैली फैट से ही जुड़े कई सवालों का जवाब देने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि बैली फैट कितने तरह के होते हैं और इन्हें कैसे कम किया जा सकता है. 

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1. स्ट्रेस बेली- स्ट्रेस बेली (stress belly) यानी स्ट्रेस के कारण बड़ी हुई चर्बी. ये कोर्टिसोल के स्तर में बढ़ोतरी के कारण होती है. ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा मानसिक तनाव यानी कि टेंशन लेने लगता है. इससे शरीर के एब्डोमिनल हिस्से में चर्बी बढ़ने लगती है और आप मोटापे से ग्रसित हो जाते हैं. 
नुस्खा- इस तरह के बैली फैट से छुटकारा पाने के लिए नियमित ध्यान, योगाभ्यास और व्यायाम कर सकते हैं, जो तनाव और चिंता के स्तर को कम करते हैं. इसके अलावा, भरपूर और अच्छी नींद लें, जिससे आप फ्रेश महसूस कर सकेंगे. 

2. हार्मोनल बेली- हार्मोनल बैली (hormonal belly) हार्मोन के असंतुलन (Hormone imbalance) का परिणाम है. हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) से लेकर पीसीओएस (PCOS) तक, कई हार्मोनल परिवर्तन (hormonal changes) और अनियमितताओं (irregularities) की वजह से वजन बढ़ (Weight gain) जाता है, जिससे पेट पर अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है. 
नुस्खा- हार्मोनल बैली को कंट्रोल करने का एकमात्र तरीका हार्मोनल बैलेंस बनाए रखना है. जिसके लिए अनहेल्दी खाने की चीजों को बंद कर देना ही बेहतर है. इसकी जगह पर एवोकाडो, नट्स और मछली जैसे गुड फैट वाली चीजों को डाइट में शामिल कर सकते हैं. अगर हार्मोनल परिवर्तनों को कंट्रोल करना कठिन हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

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3. लो बेली- जब किसी व्यक्ति के शरीर का ऊपरी भाग उनके पेट के निचले हिस्से यानी एब्डोमिनल क्षेत्र की तुलना में पतला होता है, तो इसे लो बैली (low belly) फैट कहते हैं. अक्सर, इस तरह के बेली फैट की वजह एक गतिहीन जीवन शैली (sedentary lifestyle) या पाचन संबंधी समस्याएं (digestive problems) होती हैं. 
नुस्खा- लो बैली फैट से छुटकारा पाने के लिए फाइबर युक्त चीजों का सेवन करें. खूब पानी पिएं और अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें. कोर एक्सरसाइज पर ज्यादा ध्यान दें, ताकि इससे आपके पेट के निचले हिस्से की चर्बी कम हो सके. 

4. ब्लोटेड बेली- खराब आहार (poor diet) या पाचन समस्या की वजह से एसिडिटी और गैस (acidity and gas) हो सकती है. इससे पेट फूलने या ब्लोटिंग की समस्या हो जोती है. इसी को ब्लोटेड बेली (bloated belly) कहते हैं. 
नुस्खा- ब्लोटिंग की प्रॉब्लम से बचने का सबसे अच्छा तरीका नियमित व्यायाम (regular exercise) है. फाइबर युक्त भोजन करें जिसे पचाने में दिक्कत का सामना ना करना पड़े. फिजी ड्रिंक्स और भारी खाने से बचें. इससे ब्लोटिंग की समस्या ज्यादा हो सकती है. 

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5. मोमी बेली- डिलेवरी के बाद भी कुछ महिलाओं का पेट बाहर निकल आता है, जिससे वो प्रेग्नेंट न होते हुए भी गर्भवती लगती हैं. इसी को मोमी बैली फैट कहते हैं. गर्भावस्था के बाद एक महिला के शरीर को अपनी स्थिति में वापस आने में समय लगता है. 
नुस्खा- मोमी बैली से छुटकारा पाने के लिए आराम करना बेहद ज़रूरी है. इसे लेकर तनाव न लें. इस दौरान हेल्दी फैट जैसे नट्स, ऑलिव ऑयल और एवोकाडो का सेवन करें. त्वचा को टाइट करने के लिए कीगल एक्सरसाइज भी कर सकते हैं.