'एसिडिटी के कारण सिर दर्द हो रहा है.'
'गैस सिर पर चढ़ गया है.'
ऐसी शिकायतें आम हैं. इसे लोग गैस्ट्रिक सिरदर्द कहते हैं लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि मेडिकल साइंस में ऐसी कोई चीज होती ही नहीं है. तो फिर गैस्ट्रिक सिरदर्द है क्या? और इससे बचने के उपाय क्या हैं?
दरअसल मर्ज कुछ और है, इसलिए दवा भी कुछ और ही है. गैस्ट्रिक सिरदर्द पेट में हो रहे एसिडिटी के कारण होता है. इसलिए इसका इलाज सिर्फ सिरदर्द की गोली खाने से नहीं होगा.
क्या है गैस्ट्रिक सिरदर्द?
दरअसल जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है उन्हें गैस होता है. ये दर्द छाती और नाभी के बीच होता है. कई बार ये गले तक आ जाता है. भोजन करने के बाद अकसर ये दर्द बढ़ जाता है. और फिर सिर में दर्द शुरू हो जाता है. शाम के वक्त ये दर्द और बढ़ जाता है अगर ऐसे ही लोग माइग्रेन से पीड़ित हैं या फिर वो तनाव में रहते हैं या फिर उन्हें डिप्रेशन है तो गैस, एसिडिटी के कारण होने वाले सीने में जलन से वो और परेशान हो जाते हैं. इसी कारण से सिर में दर्द होने लगता है.
सिरदर्द के अलावा ऐसी स्थिति में सिर में भारीपन, उदासी, झुंझलाना, थकावट और नीद में खलल की समस्या भी आ सकती है.
दो चीजें दो गैस्ट्रिक सिरदर्द का कारण बनती हैं वो हैं एसिड रिफ्लक्स और नॉन अल्सर डिस्पेप्सिया.
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तो करें क्या?
चूंकि ये समस्या एसिडिटी और माइग्रेन, डिप्रेशन के कारण है तो इलाज भी उसी का करना होगा.
एसिडिटी की समस्या से दूर रहने के लिए मसालेदार खाने से दूर रहें, तला भुना कम खाएं. पर्याप्त पानी पीएं. कसरत करें. वक्त पर सोएं, वक्त पर खाएं.
नॉनवेज का सेवन ना करें या कम करें. फलों का सेवन करें, हरी सब्जियां खाएं.
इसी तरह माइग्रेन और डिप्रेशन की समस्या से निजात के लिए घर में योग का अभ्यास करें.
फिर भी राहत न मिले तो डॉक्टर से संपर्क करें. उनकी बताई सलाह को फॉलो करें और दवा लें.