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Corona के बाद डेंगू का यह स्ट्रेन साबित हो रहा है जानलेवा

डॉक्टरों के मुताबिक डेन टू स्ट्रेन अधिक विषैला होता है. इसमें बुखार, उल्टी, जोड़ों के दर्द, अल्टर्ड सेंसेरियम जैसी समस्याएं होती हैं.

Updated on: 28 Oct 2021, 09:25 AM

highlights

  • चार स्ट्रेन पाए जाने से किसी को भी चार बार हो सकता है डेंगू
  • डेन-2 स्ट्रेन संक्रमण के लिहाज से जानलेवा भी हो सकता है 
  • संक्रमित मरीजों को हेमरेजिक फीवर और शॉक सिंड्रोम भी संभव

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञ अभी तक पूरी तरह से मुतमईन नहीं हो सके हैं कि राजधानी दिल्ली समेत कई प्रदेशों में डेंगू (Dengue) कहर बरपाने लगा है. डेंगू संक्रमण में गंभीर बात यह है कि लोगों में डेंगू का डेन टू स्ट्रेन का संक्रमण पाया जा रहा है. चिकित्सकों के मुताबिक यह स्ट्रेन सबसे ज्यादा खतरनाक है. इस स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों को डेंगू हेमरेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम भी हो सकता है. यह स्थिति आने पर संक्रमित शख्स की हालत बेहद नाजुक हो जाती है. डॉक्टरों के मुताबिक डेन टू स्ट्रेन अधिक विषैला होता है. इसमें बुखार, उल्टी, जोड़ों के दर्द, अल्टर्ड सेंसेरियम जैसी समस्याएं होती हैं. 

ये होते हैं लक्षण
विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू शॉक सिंड्रोम में त्वचा पर लाल चकत्‍ते और दाने बहुत तेजी से उभरते हैं. इसके साथ ही मरीज की नब्‍ज धीरे चलने लगती है, नर्वस सिस्टम खराब होने लगता है और वह लगभग सदमे की हालत में आ जाता है. इस वक्त कई मरीजों में ऐसी स्थिति देखी जा रही है. मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की प्रफेसर डॉ. सुनीला गर्ग कहती हैं कि डेंगू के डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 जैसे चार चरण होते हैं. इन स्ट्रेन में भी सबसे ज्यादा खतरनाक डेन-2 को माना जाता है क्योंकि इसमें हेमरेजिक फीवर होता है. इस स्ट्रेन के संक्रमण में प्लेटलेट्स बेहद तेजी से गिरती हैं, डिहाइड्रेशन होने लगती है. साथ ही शरीर के कई हिस्सों से ब्लीडिंग भी होने लगती है. अगर समय पर इलाज ना मिले तो मौत भी हो सकती है.

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चार बार हो सकता है डेंगू
विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर किसी शख्स को एक बार डेंगू हो चुका है, उसे ज्यादा परेशानी नहीं हुई और वह बगैर किसी मुश्किल के आराम से ठीक भी हो गया है तो उसके लिए दूसरी बार डेंगू खतरनाक हो सकता है. चूंकि डेंगू के चार स्ट्रेन हैं ऐसे में एक व्यक्ति को चार बार डेंगू हो सकता है. जिस स्ट्रेन से वह संक्रमित होगा, उस स्ट्रेन से डेंगू दोबारा नहीं होगा क्योंकि शरीर में उस स्ट्रेन की एंटीबॉडीज बन जाएंगी जो लंबे समय तक चलेंगी. गौरतलरब है कि राजधानी दिल्ली में डेंगू के तेजी से बढ़ने मामलों के बीच कई अस्पतालों में कोविड बेड को डेंगू मरीजों के लिए आवंटित किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सामान्य कोविड बेड की संख्या 700 से घटाकर 400 कर दी गई है.