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रोना हुआ सेहत के लिए फायदेमंद,Cry Room रूम में अब फूट-फूट कर रो सकेंगे आप

रोना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है इससे मेंटल स्टिग्मा दूर किया जा सकता है. इस बात का ध्यान रखते हुए स्पेनिश कैपिटल मेड्रिड में क्राइंग रूम (crying room) बनवाया गया. यह ऐसी जगह है जहां लोग खुलकर रो सकते हैं.

Updated on: 10 Dec 2021, 02:55 PM

New Delhi:

आज कल की प्रैक्टिकल ज़िन्दगी में इंसान ने अपने इमोशंस को भी प्रैक्टिकल कर दिया है. जब इंसान किसी बात पर दुखी होता है या गुस्सा बाहर नहीं निकाल पाता तो वह रोने लगता है. लेकिन लोगों की बिजी लाइफ में लोग अच्छे से रो भी नहीं पाते. लोग अपना दर्द, गुस्सा सब एक दूसरे पर चिल्ला कर या सो कर जाया कर देते हैं. जब आप किसी बात पर दुखी हैं, इमोशनल हैं तो आप रो देते हैं. लेकिन रोना अच्छा है या बुरा, कमज़ोरी है या फिर हिम्मत. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो विज्ञान के अनुसार रोना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. इससे मेंटल स्टिग्मा दूर किया जा सकता है. इस बात का ध्यान रखते हुए स्पेनिश कैपिटल मेड्रिड में क्राइंग रूम (crying room) बनवाया गया.

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यह ऐसी जगह है जहां लोग खुलकर रो सकते हैं. इस प्रोजेक्ट का लक्ष लोगों के दिमाग से सोशल स्टिग्मा को हटाना है. इसके जरिए यह बताया जाता है कि ना तो रोना कमजोर होने की निशानी है ना ही किसी की मदद मांगने से आप कमज़ोर होते हैं. बल्कि आपका जब मन करे आप खुल कर रो सकते हैं. इससे मेन्टल हेल्थ में सुधार होता है.

 

यह जगह स्पेन के सेंट्रल मेड्रिड में है. अगर आप इसके अंदर जाते हैं तो 'आइए' और 'रोईए', 'मैं बहुत परेशान हूं', जैसे शब्द लिखे हुए हैं. ये इस बात का संकेत है कि रोना बहुत ही आम बात है. कमरें के दूसरी तरफ एक फोन लगा हुआ है उसके साथ लिस्ट है जिसमें उन लोगों के नंबर दिए हुए हैं जो यहां पहले आ चुके है. अगर कोई चाहे तो इन लोगों में से किसी से भी बात कर के अपने एक्सपीरियंस को शेयर कर सकता है. 

हालांकि मेंटल स्टिग्मा सिर्फ स्पेन की समस्या नहीं है. तनाव से पूरी दुनिया ही लड़ रही है. हां ये बात अलग है कि हर किसी की लड़ाई अलग अलग तरीके से हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो भारत में लोग सबसे ज्यादा तनाव से ग्रसित हैं. बता दें की रोना सेहत के लिए फायदेमंद भी है. रोने से अंदर का गुस्सा, दर्द, बाहर निकलता है और इंसान बेहतर और फ्री महसूस करता है. रोने के बाद इंसान और ज्यादा अच्छे से सोच सकता है. रोते वक्त हमारे शरीर में ऑक्सीटॉसिन और एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है. जो स्ट्रेस लेवल को कम करता है और इंसान की ज़िन्दगी में सुधार लाता है. 

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