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Covid 19 JN.1 Variant: 30 दिन में 8.5 लाख मामले, 3 हजार से ज्यादा मौत, फिर खतरा बन रहा कोरोना

Covid 19 JN.1 Variant: भारत समेत दुनिया में डरा रहा कोरोना का नया वेरिएंट JN.1, महज 28 दिन में पकड़ी जबरदस्त रफ्तार

Updated on: 23 Dec 2023, 11:37 AM

highlights

  • डरा रहा कोरोना वायरस का नया वेरिएंट JN.1 
  • भारत समेत दुनियाभर में एक महीने में 8.5 लाख मामले
  • 3000 लोग गंवा चुके अपनी जान

New Delhi:

Covid 19 JN.1 Variant: सदी की सबसे बड़ी त्रासदी के रूप में सामने आया कोरोना वायरस अब भी लोगों के लिए खतरा बना हुआ है. भारत ही दुनियाभर में एक बार फिर  ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट JN.1 तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. इसके भयावह रूप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते एक महीने यानी 30 दिन में भारत समेत दुनियाभर में कोविड-19 के मामले सामने आए हैं. यही नहीं एक महीने के अंदर दुनियाभर में कोरोना वायरस की चपेट में आने से 3000 लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. 

डरा रहे हैं कोविडए के नए वेरिएंट की चपेट में आए आंकड़े
कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत के साथ दुनिया के कई देशों में कोविड-19 इन दिनों लोगों के लिए सबसे बड़ी चिंता के तौर पर बना हुआ. खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भी अलर्ट जारी किए जा चुके हैं. वहीं WHO की ओर से दिए गए आंकड़े तो और भी डरा रहे हैं. 

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आंकड़ों पर एक नजर

- 52 फीसदी मामले बीते चार हफ्तों में बढ़े

- 3000 लोगों की कोविड-19 से हुई मौत

- 8 फीसदी मौत के आंकड़े में हुआ इजाफा, बीते महीने के मुकाबले

 - 28 दिन में दुनियाभर में 118000 लोग अस्पताल में भर्ती हुए

 - 1600 लोगों को ICU में भर्ती किया गया है

- 23 फीसदी असपतालों में भर्ती किए जाने वाले मामले बढ़े

JN.1 वेरिएंट क्यों खतरनाक
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट जेएन.1 डराने वाला है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये तेजी से फैलता है. यानी बहुत जल्दी ये लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. बताया जा रहा है कि कोरोना का ये स्पाइक इंसान की कोशिकाओं पर हमले की इजाजत देता है और उसे नष्ट करने की कोशिश में जुट जाता है. समय रहते इलाज कर लिया जाए तो इससे बचा भी जा सकता है. 

इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे रहा ये वेरिएंट
जेएन.1 के बारे में ये भी कहा जा रहा है कि ये इंसान के इम्यून सिस्टम को भी चकमा देने में सफल हो रहा है. यानी अगर लोगों की इम्युनिटी कमजोर है तो ये तुरंत हमला कर सकता है. यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ ने 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों को इस वेरिएंट से बचने और ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी है. 

WHO ने इसे किस श्रेणी में रखा है?
WHO ने जेएन.1 वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' बताया है. यानी इससे वैश्विक जनस्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है. इससे मतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में लाने से पहले इसकी प्रकृति और संक्रामकता शक्ति की जांच करता रहेगा. खतरा होने पर इसे कंसर्न यानी चिंता वाली श्रेणी में डाला जाएगा.  

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वैक्सीन का कितना फायदा?
ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट जेएन.1 को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मौजूदा वैक्सीन इस वेरिएंट पर असरदार है. डब्ल्यूएचओ की मानें तो मौजूदा वैक्सीन इस वेरिएंट से रक्षा में मददगार है. यानी वैक्सीन ही इस वेरिएंट से सुरक्षा प्रदान करेगी. यही वजह है कि विशेषज्ञों ने इस वेरिएंट से ज्यादा डरने की बजाए अलर्ट रहने की सलाह दी है.