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Coronavirus Vaccine Latest News: ऑस्ट्रेलिया में ऑक्सफोर्ड में विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन शुरू

Coronavirus Vaccine Latest News: समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लिनिकल ट्रायल के बाद भी वैक्सीन, जिसे फार्मास्युटिकल कंपनी आस्ट्राजेनिका द्वारा सह-विकसित किया गया है उसे वैश्विक स्तर पर प्रयोग के लिए तैयार किया जा रहा है.

Updated on: 10 Nov 2020, 11:20 AM

कैनबरा:

Coronavirus Vaccine Latest News: ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) का स्थानीय उत्पादन शुरू किया, जिसमें लगभग 3 करोड़ डोज शामिल हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लिनिकल ट्रायल के बाद भी वैक्सीन, जिसे फार्मास्युटिकल कंपनी आस्ट्राजेनिका द्वारा सह-विकसित किया गया है उसे वैश्विक स्तर पर प्रयोग के लिए तैयार किया जा रहा है. सीएसएल के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी एंड्रयू नैश ने कहा, "हम इस मैनुफैक्चरिंग एक्टविटी को रिस्क के साथ कर रहे हैं और साथ ही साथ क्लीनिकल ट्रायल पर भी ध्यान दे रहे हैं.

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यह उम्मीद की जा रही है कि हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन की दो खुराक लेने की जरूरत होगी, जिसका मतलब है कि इसे प्रभावी ढंग से 1.5 करोड़ लोगों तक पहुंचाया जा सकता है. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के सरकारी नियामक प्राधिकरण, चिकित्सीय सामान प्रशासन (टीजीए) द्वारा अनुमोदित हुए बगैर वैक्सीन का उपयोग नहीं किया जा सकता.

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फाइजर वैक्सीन कोरोना ट्रायल में 90 फीसदी कारगर पाई गई

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एक प्रभावी वैक्सीन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, अमेरिका स्थित फार्मास्युटिकल प्रमुख फाइजर और जर्मन बायोटेक फर्म बायोएनटेक ने सोमवार को कहा कि उनकी वैक्सीन ताजा क्लीनिकल ट्रायल में 90 प्रतिशत कारगर पाई गई है. कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने में जुटी फाइजर और बायोएनटेक ने जानकारी देते हुए बताया कि फेज-3 के ट्रायल में कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी है. कोरोना महामारी से प्रभावित दुनिया के लिए यह बहुत बड़ी राहत की खबर है. फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बोउर्ला ने इसे विज्ञान और मानवता के लिए एक महान दिन कहा है.

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विश्लेषण रविवार को चरण-3 नैदानिक अध्ययन एक बाहरी स्वतंत्र डेटा निगरानी समिति (डीएमसी) द्वारा आयोजित किया गया था. कंपनी द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, निष्कर्षों से पता चला है कि पहली बार डोज दिए जाने के 28 दिनों बाद और दूसरे बार दो खुराक दिए जाने के सात दिन बाद मरीजों को राहत मिली है. कंपनी ने कहा कि विश्लेषण में पता चला कि जिन वॉलिंटयर्स पर इसका परीक्षण किया गया, उनमें यह वैक्सीन बीमारी को रोकने में 90 प्रतिशत से ज्यादा कामयाब रही है.

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अभी अध्ययन जारी है, इसलिए अंतिम वैक्सीन प्रभावकारिता का प्रतिशत भिन्न हो सकता है. डीएमसी ने किसी भी गंभीर सुरक्षा चिंताओं की सूचना नहीं दी है और सिफारिश की है कि अध्ययन की योजना के अनुसार अतिरिक्त सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा एकत्र करना जारी रखा जाना चाहिए. दोनों कंपनियों ने यह भी कहा है कि डेटा पर दुनियाभर के नियामक अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी.