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Coronavirus : कोरोना चिंता का विषय नहीं, 8-10 दिन और बढ़ेंगे केस

Coronavirus : देश में एक बार फिर कोरोना वायरस का कहर बढ़ रहा है. इसे लेकर हेल्थ मिनिस्ट्री के सूत्र का कहना है कि कोरोना चिंता का विषय नहीं है. कोई भी वेब आया है तो प्लस माइनस हो जाता है.

Updated on: 12 Apr 2023, 04:09 PM

नई दिल्ली:

Coronavirus : देश में एक बार फिर कोरोना वायरस का कहर बढ़ रहा है. इसे लेकर हेल्थ मिनिस्ट्री के सूत्र का कहना है कि कोरोना चिंता का विषय नहीं है. कोई भी वेब आया है तो प्लस माइनस हो जाता है. अभी कोरोना के केस 8-10 दिन और बढ़ेंगे, फिर मामले डाउन हो जाएंगे. ज्यादा कोरोना टेस्टिंग होने की वजह से केस बढ़ रहे हैं. ये एंडेमिक फेज हो सकता है. देश में पैनिक होने की जरूरत नहीं है. 

CGHS के लाभार्थियों के लिए अच्छी खबर है. Empanelled Hospitals को बड़ा फायदा होगा. CGHS स्वास्थ्य सुविधाएं अब और मजबूत हुई हैं. भारत सरकार केंद्रीय सेवा के कर्मचारियों को Central Government Health Scheme (CGHS) के तहत ‘स्वास्थ्य सुरक्षा’ प्रदान करती है. आज इस योजना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो बड़े निर्णय लिए हैं, जो लाभार्थी और अस्पतालों दोनों को लाभ देंगे. 

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CGHS Packages के Rates को किया गया revise
 
- योजना से जुड़े स्टेक होल्डर्स की तरफ से सुझाव आए थे कि CGHS Package rates जो एक लंबे समय से रिवाइज नहीं हुए हैं, उनको रिवाइज करना चाहिए.

- कुछ समय पहले रिपोर्ट्स आई थी कि इसी कारण से CGHS से जुड़े अस्पताल इस योजना से हटना चाह रहे हैं.

- 2014 के बाद से रेट में कोई रिवीजन नहीं हुआ था.

- इसी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई स्तरों पर बातचीत के जरिए CGHS से जुड़े पैकेज रेट को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे बड़े स्तर पर अस्पतालों को लाभ मिलेगा.

अब रेफरल हुआ आसान : वीडियो कॉल से भी रेफरल 
 
- पहले CGHS लाभार्थी को स्वयं CGHS वेलनेस सेंटर पर जाकर अस्पताल के लिए referral लेना पड़ता था.

- अगर CGHS लाभार्थी जाने में असक्षम हैं तो वह अपनी तरफ से किसी को वेलनेस सेंटर भेज कर रेफरल ले सकता है.

- मेडिकल ऑफिसर द्वारा डॉक्यूमेंट चेक करके वह लाभार्थी को अस्पताल जाने के लिए रेफर कर सकता है.

- इसके अलावा CGHS लाभार्थी वीडियो कॉल से भी अब रेफरल ले सकता है.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की संख्या में लगातार वृद्धि 

- पिछले 9 वर्षों में जन औषधि केंद्रों की संख्या में 100 गुना वृद्धि हुई है.

- 2014 में केवल 80 केंद्र थे जोकि अब बढ़कर 9300 से अधिक हो गए हैं.

- 651 जिलों से जन औषधि केंद्रों की संख्या को और बढ़ाने के निवेदन आए हैं.