logo-image

मधुमेह की दवा लेने वालों के लिए घातक हो सकता है कोरोना वायरस संक्रमण: वैज्ञानिक

मुधमेह से पीड़ित कोई व्यक्ति यदि ग्लूकोज का स्तर कम करने वाली एजीएलटी2आई नामक दवा लेता है, तो कोरोना वायरस से संक्रमित होना उसके लिए घातक साबित हो सकता है.

Updated on: 29 Dec 2020, 03:10 PM

बोस्टन:

मुधमेह से पीड़ित कोई व्यक्ति यदि ग्लूकोज का स्तर कम करने वाली एजीएलटी2आई नामक दवा लेता है, तो कोरोना वायरस से संक्रमित होना उसके लिए घातक साबित हो सकता है. एक नए अध्ययन में इसे लेकर सचेत किया गया है. अमेरिका स्थित ब्रिघम ऐंड वुमेन्स हास्पिटल के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि जब बीमारी कोशिकाओं को काम करने के लिए पर्याप्त ग्लूकोज प्राप्त करने से रोकती है, तो ‘डायबटिक कीटोएसिडोसिस’ (डीकेए) की स्थिति पैदा हो सकती है.

यह भी पढ़ें: Covid-19 और ब्‍लड प्रेशर में संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को अधिक खतरा : स्‍टडी

पत्रिका ‘द अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स क्लीनिकल केस रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित ताजा अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 के जो मरीज एसजीएलटी2आई दवा ले रहे हैं, उनमें डीकेए के एक प्रकार, ईयूडीकेए की स्थिति पैदा होने का अधिक खतरा है. ईयूडीकेए की स्थिति तब पैदा होती है, जब शरीर की कोशिकाएं पर्याप्य ग्लूकोज ग्रहण नहीं कर पाती.

वैज्ञानिकों ने पाया कि बोस्टन में ईयूडीकेए के पांच असाधारण मामले सामने आए हैं और ये सभी मामले उन लोगों में पाए गए हैं जो एसजीएलटी2आई ले रहे थे और कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. इनमें से तीन मरीजों को पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया है, एक व्यक्ति को घर भेज दिया गया है और एक व्यक्ति की मौत हो गई है.

यह भी पढ़ें: Big Breaking : भारत में लांच हो गई स्वदेशी न्यूमोकोकल कोरोना वैक्सीन 

अध्ययन की सह लेखक एवं ‘एंडोक्रिनोलॉजी, डायबिटीज और हाइपरटेंशन डिविजन’ की वैज्ञानिक नाओमी फिशर ने कहा, 'हमने पहले भी यह पाया है कि एसजीएलटी2आई लेने वाले लोगों में डीकेए और ईयूडीकेए का खतरा अधिक होता है.' उन्होंने कहा कि एसजीएलटी2आई लेने वाले व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद यह खतरा और बढ़ जाता है.