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Corona सिर्फ फेफड़ों पर ही इन अंगों पर भी करता है हमला

जैसे-जैसे शरीर पर कोरोना वायरस का हमला बढ़ता है वैसे-वैसे ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को कमजोर करने लगता है और शरीर के अन्‍य अंगों पर हमला करने लगता है.

Updated on: 30 Apr 2021, 02:41 PM

highlights

  • कोरोना वायरस फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों पर भी प्रभाव
  • दिल, किडनी पर हमले समेत नाड़ियों पर भी गहरा असर
  • खून के थक्के जमने समेत सूजन की भी समस्या

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Corona virus) की दूसरी लहर हर गुजरते दिन के साथ और विकराल होती जा रही है. बेलगाम कोरोना की वजह से देश में पिछले लगभग 10 दिनों से हर रोज कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के तीन लाख से ज्‍यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. गुरुवार रात 12 बजे तक के आंकड़े भी एक नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. इन आंकड़ों ने 3.86 लाख की संख्या पार कर ली है. कोरोना की दूसरी लहर से यह संकेत भी मिले हैं कि वायरस न केवल फेफड़ों (Lungs) पर हमला करता है, बल्कि इसके हमले से शरीर के कई अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे शरीर पर कोरोना वायरस का हमला बढ़ता है वैसे-वैसे ये शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को कमजोर करने लगता है और शरीर के अन्‍य अंगों पर हमला करने लगता है. 

दूसरे अंगों में आ रही सूजन
कोरोना वायरस शरीर के दूसरे अंगों में भी सूजन पैदा कर रहा है. अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज, हाइपरटेंशन या मोटापे की समस्या है तो फिर कोरोना का शरीर पर असर कहीं गहरा होता है. इन तथ्यों को जानने के बाद जरूरी है कि अगर आपको अपनी शरीर में इस तरह की कोई दिक्‍कत दिख रही है तो उसे नजरअंदाज करने की भूल न करें. ऐसे में जानते हैं कोरोना के हमलों का शिकार होने वाले अंगों के बारे में और कैसे उन पर प्रभाव पड़ता है.

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दिल पर करता है बड़ा हमला
जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी है या फिर जिनका मेटाबोलिक सिस्‍टम खराब है उन लोगों के कोरोना के चपेट में आने का खतरा ज्‍यादा होता है. सार्स-कोव-2 वायरस कोरोना मरीजों के दिल की मांसपेशियों में सूजन बढ़ा देता है. कोरोना पर नजर रखने वाले डॉक्‍टरों का कहना है कि कोरोना के लगभग एक चौथाई मरीज, जिन्‍हें गंभीर लक्षण के बाद अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था

न्यूरोलॉजिकल की समस्या
इस बार के कोरोना में कोविड मरीजों में सिर दर्द, चक्‍कर आना, धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण सामने आए हैं. जामा न्यूरोलॉजी में छपी एक स्टडी के मुताबिक, वुहान में अस्पताल में भर्ती 214 में से एक तिहाई कोरोना के मरीजों में न्यूरोलॉजिक लक्षण पाए गए थे. बताया जाता है कि कोरोना का ये असर काफी लंबे समय तक बना रहता है.

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किडनी पर हमला
कोरोना का असर अगर लंबे समय तक किसी के शरीर में रह जाए तो किडनी की समस्‍या बढ़ जाती है. सार्स-कोव-2 कोशिकाओं पर बड़ा हमला करता है, जिसकी वजह से किडनी समेत कई अंगो की कोशिकाएं संक्रमित हो जाती हैं. वायरस किडनी में पहुंचने के बाद सूजन कर देता है जिसका असर किडनी के टिश्यू पर भी पड़ता है. इसकी वजह से यूरीन की मात्रा कम हो जाती है.

ब्लड क्लॉट का भी खतरा
कोरोना की वजह से शरीर में सूजन हो जाती है, जिसकी वजह से कई लोगों में खून के थक्‍के बनने लगते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐस-2 रिसेप्टर्स से जुड़ने के बाद सार्स-कोव-2 वायरस रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है. इसकी वजह से बनने वाला प्रोटीन ब्लड क्लॉटिंग बढ़ाता है. खून के थक्‍के बन जाने के कारण फेफड़ों पर सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.