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अब RT-PCR टेस्ट को भी धोखा दे रहा कोरोना, हर 5 में से 1 रिपोर्ट हो रही गलत

जो लोग रैपिड एंटीजन टेस्ट और RT-PCR पर भरोसा कर रहे हैं, तो उनके लिए बड़ी बुरी खबर है. क्योंकि RT-PCR टेस्ट में नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी आप कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं.

Updated on: 16 Apr 2021, 11:23 AM

highlights

  • हर पांच में से एक रिपोर्ट आ रही गलत
  • रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद संक्रमित निकले मरीज
  • छत्तीसगढ़ में एक महिला की मौत भी हो गई

नई दिल्ली:

देश में कोरोना (Coronavirus) महामारी की दूसरी लहर बड़ी तेजी के साथ फैल रही है. ऐसे में बचाव के लिए जो लोग रैपिड एंटीजन टेस्ट और RT-PCR पर भरोसा कर रहे हैं, तो उनके लिए बड़ी बुरी खबर है. क्योंकि RT-PCR टेस्ट में नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी आप कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं. कोरोना की दूसरी लहर पहले से इतनी ज्यादा खतरनाक है कि इसे RT-PCR की किट तक नहीं पकड़ पा रही है. यानि RT-PCR के टेस्ट को भी अब कोरोना वायरस धोखा दे रहा है. RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी कई मरीज इस खतरनाक वायरस से संक्रमित पाए जा रहे हैं.

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आलम ये है कि हर 5 से एक रिपोर्ट गलत साबित हो रही है. अस्पतालों में हर रोज ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां गंभीर लक्षण वाले मरीजों की रिपोर्ट भी नेगेटिव आ रही है. कुछ मामलों में तो दो-तीन बार टेस्ट के बावजूद भी सही रिजल्ट नहीं मिल रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) और RT-PCR जिसे एक गोल्ड स्टैंडर्ड की टेस्टिंग किट समझा जाता है, उसमें नेगेटिव आने के बावजूद कोई इंसान कोरोना संक्रमित हो सकता है.

गुजरात में डॉक्टर्स के सामने लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां RT-PCR टेस्ट में मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है, लेकिन हाई रेजोल्यूशन CT (HRCT) में उनके फेफड़ों में इंफेक्शन पाया गया है. बता दें कि भारत में कोरना की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद एक बार फिर मामलों में तेजी देखी जा रही है. आकाश हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक डॉक्टर आशीष चौधरी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में हमें ऐसे कई मरीज मिले हैं, जिन्हें बुखार, खांसी, सांस फूलने जैसी समस्या थी और उनके सीटी स्कैन (CT Scan) में भी हल्के रंगीन या ग्रे पैच थे. जो सीधे तौर पर कोरोना संक्रमित होने की निशानी हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव (Negative) आई.

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में रहने वाले एक 58 वर्षीय व्यक्ति की CT स्कैन रिपोर्ट में फेफड़े में 90% इन्फेक्शन बताया गया, लेकिन RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव रही. मरीज की हालत खराब थी, लेकिन इलाज के बाद ठीक हो गए. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के ही भिलाई में रहने वाली एक 65 वर्षीय महिला को सांस लेने में तकलीफ थी. सीटी स्कैन में दोनों फेफड़े में 80% इन्फेक्शन बताया गया. लेकिन उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव रही. इलाज के दौरान इस महिला ने दम तोड़ दिया. 

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छत्तीसगढ़ के इन दोनों केस में स्थिति एक-सी थी. दोनों ही मामलों में RT-PCR कोरोना वायरस की पुष्टि करने में नाकाम रहा. यह पहली बार नहीं हुआ और लगातार देखने में आ रहा है. पूरे देश से रिपोर्ट्स आ रही हैं कि वायरस के नए वैरिएंट्स टेस्ट में पता ही नहीं चलते. जब तक CT स्कैन कराया गया, तब तक फेफड़े को काफी नुकसान पहुंच चुका था. इसकी वजह कोरोना के वैरिएंट्स हो सकते हैं. जिसके बारे में केंद्र सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि देश के 18 राज्यों में कोरोना के वैरिएंट्स मिले हैं. 

खास बात यह है कि RT-PCR को कोरोना वायरस की जांच में गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट समझा जाता है. रैपिड एंटीजन के मुकाबले इसके नतीजों की सटीकता भी काफी बेहतर है. इसके बाद भी कुछ वैरिएंट्स के सामने यह नाकाम हो रहा है. छत्तीसगढ़ की कोरोना कोर कमेटी के सदस्य डॉ. आरके पंडा ने कहा कि पिछले हफ्ते कई ऐसे मामले आए जिनमें लोगों के CT स्कैन में फेफड़े में काफी इन्फेक्शन नजर आया और डॉक्टरों ने गंभीर केस बताया, लेकिन जांच में कोरोना निगेटिव निकला. प्रदेश में ऐसे ढाई सौ से ज्यादा केस आ चुके हैं.