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Corona In India: अस्पतालों में मॉक ड्रिल, इन 3 वजहों से बढ़ रहा कोरोना

Corona In India : भारत में कोरोना के मामलों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. हर दिन 5 से 7 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच, भारत सरकार के निर्देश के बाद देश भर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल की जा रही है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में कोरोना के मामलों के तेजी से बढ़ने के पीछे...

Updated on: 10 Apr 2023, 07:55 PM

highlights

  • भारत में कोरोना के मामलों में लगातार तेजी
  • देश भर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल
  • कोरोना से निपटने के इंतजामों को परखा गया

नई दिल्ली:

Corona In India : भारत में कोरोना के मामलों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. हर दिन 5 से 7 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच, भारत सरकार के निर्देश के बाद देश भर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल की जा रही है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में कोरोना के मामलों के तेजी से बढ़ने के पीछे की तीन वजहों का भी पता विशेषज्ञों ने लगाया है, जिसमें आम लोगों का कोरोना गाइडलाइन्स का पालन न करना भी शामिल है. इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली के अस्पताल में चल रहे कोरोना मॉकड्रिल में भी हिस्सा लिया. 

इन तीन मुख्य वजहों के चलते बढ़ रहा कोरोना

भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे की तीन वजहों के बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बताया है. जिसमें लोगों का कोरोना के प्रति बेफिक्र हो जाना कोरोना के बढ़ते मामलों की सबसे बड़ी वजह है. इसके अलावा टेस्टिंग काफी कम हो गई है. वहीं, कोरोना के नए संस्करण भी संक्रमण की दर को बढ़ा रहे हैं. देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लोगों से सावधानी बरतने को कहा है.

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वायु प्रदूषण की वजह से बेअसर हो रही वैक्सीन!

कोरोना वायरस महामारी से पहले उच्च स्तर के वायु प्रदूषण से प्रभावित लोगों में कोविड-19 वैक्सीन का असर कम पाया गया है. एक रिसर्च में यह दावा किया गया है. रिसर्च करने वालों ने कहा कि विशेष रूप से, महीन कण पदार्थ (पीएम2.5), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) और ब्लैक कार्बन की चपेट में आने वाले लोगों में संक्रमण से पहले आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में 10 प्रतिशत तक गिरावट देखी गई. एनवायरॅनमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव’ मैगजीन में प्रकाशित शोध निष्कर्ष में इम्यून सिस्टम पर वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में और सबूत प्रदान किए गए हैं. इस रिसर्च में शामिल ‘बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ’ (आईएसग्लोबल) के मनोलिस कोगेविनास ने कहा है कि वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिसमें फेफड़े का कैंसर, हृदय और श्वसन संबंधी रोग और डायबिटीज शामिल हैं.“ इम्यून सिस्टम पर वायु प्रदूषकों के प्रभाव देखे गए हैं. इसमें उन्होंने पाया कि कोविड के रोकथाम में जरूरी टीके से बनी एंटीबॉडी में भी कमी आई है. (रिपोर्ट-वैभव परमार)