Lack of Oxygen (Photo Credit: News Nation)
नई दिल्ली:
सिर्फ केंद्र सरकार ही नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार भी मई में हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में कह चुकी है कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है. दिल्ली सरकार ने अपनी चार सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट पेश की थी. जिसके अनुसार, जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में 23-24 अप्रैल की रात जो 21 मरीजों की मौत हुई, वो ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई. उनके अस्पताल में रहने तक ऑक्सीजन उपलब्ध थी. वो कोविड से गम्भीर रूप से प्रभावित थे. उसमें से कुछ इससे पहले और भी गम्भीर बीमारियों से जूझ रहे थे.
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दिल्ली सरकार ने मई में दिल्ली HC में जवाब दाखिल किया था. जिसमें दिल्ली सरकार का कहना था कि 27 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए दिल्ली सरकार ने सभी प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम को निर्देश जारी किया. जिसके अनुसार, अपने यहां ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत की जानकारी संस्थान सरकार को भेजें. यही नहीं, दिल्ली सरकार ने एक 4 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया. इस 4 सदस्यीय कमेटी को ऐसे मरीजों के केस शीट का अध्ययन करने के बाद ये तय करना था कि क्या वाकई उनकी मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई या नहीं?
दिल्ली के 6 हॉस्पिटल ने इसके लिए बनाई गई ईमेल आईडी पर अपना जवाब भेजा. इनमें से सिर्फ एक हॉस्पिटल जयपुर गोल्डन ने ये दावा किया कि 23-24 अप्रैल के बीच 21 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई. कमेटी के कहने पर हॉस्पिटल ने ऐसे सभी मरीजों की ओरिजिनल केस शीट भी उपलब्ध कराई. कमेटी ने केस शीट का अध्य्यन करने के बाद पाया कि कोविड से जूझ रहे इन सभी मरीजों की मौत 23 अप्रैल 10:44 PM से 24 अप्रैल 5:51 AM के बीच हुई. ये सारे मरीज बहुत गम्भीर स्थिति में थे, उसमें से ज़्यादातर दूसरी गम्भीर बीमारियों से पहले से ही जूझ रहे थे.
इन सभी मरीजों को आखिरी तक ऑक्सीजन सपोर्ट मिल रही थी और कमेटी को उपलब्ध कराए गए केस रिकॉर्ड के मुताबिक इनमें से किसी की केस शीट में ऑक्सीजन की कमी का उल्लेख नहीं था. हालांकि दिल्ली सरकार की कमेटी के इन निष्कर्षों को दिल्ली HC में पीड़ित परिवारों ने चुनौती दी है. जिस पर दिल्ली हाइकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया था.