कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की दूसरी लहर के बीच एम्स और आईसीएमआर ने कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है. इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) पर रोक लगा दी गई है. कोरोना संक्रमित लोगों को प्लाज्मा थेरेपी बीते साल से ही दी जा रही थी. इस साल कोरोना की घातक दूसरी लहर के बीच इसकी मांग काफी बढ़ गई थी. वह भी तब जब विशेषज्ञ प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना उपचार में अधिक प्रभावी नहीं होने की बात लगातार कर रहे थे. आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस में कोविड मरीजों के इलाज को तीन भागों में बांटा गया है. इसमें हल्के लक्षण वाले मरीज, मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीज शामिल हैं.
इसलिए लगी प्लाज्मा थेरेपी पर रोक
आईसीएमआर के शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. समीरन पांडा ने बताया कि बीजेएम में छपे आंकड़ों में यह सामने आया है कि प्लाज्मा थेरेपी का कोई फायदा नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी महंगी है और इससे भय और पैदा हो रहा है. इसे लेकर हेल्थकेयर सिस्टम पर बोझ बढ़ा है जबकि इससे मरीजों को मदद नहीं मिलती है. डोनर के प्लाज्मा की गुणवत्ता हर समय सुनिश्चित नहीं होती है. प्लाज्मा की एंटीबॉडीज पर्याप्त संख्या में होना चाहिए जबकि यह सुनिश्चित नहीं रहता है. इससे पहले जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक प्रारंभिक मध्यम बीमारी के चरण में यानी लक्षणों की शुरुआत के सात दिनों के भीतर यदि हाई टाइट्रे डोनर प्लाज्मा की उपलब्धता है तो प्लाज्मा थेरेपी के ऑफ लेबल उपयोग की अनुमति दी गई थी.
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नई गाइडलाइन में तीन भागों में बांटे गए कोरोना मरीज
आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस में कोविड मरीजों के इलाज को तीन भागों में बांटा गया है. इसमें हल्के लक्षण वाले मरीज, मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीज शामिल हैं. हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है, जबकि मध्यम और गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को क्रमश: कोविड वॉर्ड में भर्ती और आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया है. हालांकि 26 दिन बाद लगातार दूसरे दिन 24 घंटों में 3 लाख से भी कम कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं.
HIGHLIGHTS
- एम्स और आईसीएमआर ने जारी की नई गाइडलाइन
- तीन श्रेणियों में बांटे गए कोरोना संक्रमित मरीज
- प्लाज्मा थेरेपी पर लगाई गई रोक