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आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंट महिलाएं 1 से 9 महीनो तक डाइट में खाएं ये चीज़ें, होगा फायदेमंद

मां के स्‍वास्‍थ्‍य और बच्‍चे के विकास के लिए गर्भधारण (Pregnancy) से लेकर नौवें महीने तक गर्भवती महिला के खान-पान का बेहद ध्‍यान रखा जाता है क्‍योंकि यही उसके होने वाले बच्‍चे को पोषण (Nutrition) प्रदान करता है.

Updated on: 18 Apr 2022, 06:19 PM

New Delhi:

मां की गोद में खेलने से लेकर मां बनने तक का सफर हर महिला के लिए यादगार होता है.  मां के स्‍वास्‍थ्‍य और बच्‍चे के विकास के लिए गर्भधारण (Pregnancy) से लेकर नौवें महीने तक गर्भवती महिला के खान-पान का बेहद ध्‍यान रखा जाता है क्‍योंकि यही उसके होने वाले बच्‍चे को पोषण (Nutrition) प्रदान करता है. कहते हैं कि इन महीनों माजो भी कहते है और जो सोचती है उसका असर बच्चे पर पड़ता है.   इसलिए इन 9 महीने मां को अपना ध्यान और बच्चे का ध्यान ख़ास कर ज्यादा रखना चाहिए. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयुर्वेद में भी प्रेग्नेंट महिलों के लिए खान पान का सेवन बताया गया है. आयुर्वेद के अनुसार भोजन स्‍वस्‍थ जीवन जीने की महत्‍वपूर्ण जरूरत है. एक प्रेग्‍नेंट महिला का खान-पान ही गर्भ में मौजूद बच्‍चे के विकास और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जिम्‍मेदार है, इसलिए आयुर्वेद को अपनाना भी फायदेमंद हो सकता है. तो चलिए आज बताते हैं आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंट महिलाओं की डाइट.

गर्भवती महिलाओं के लिए डाइट
पहला महीना– पहले महीने में महिलाएं ठंडा दूध और पौष्टिक आहार खाएं. जिसमे दाल, रोटी सब्जी सब शामिल हो. 

दूसरा महीना– इस महीने में प्रेग्‍नेंट महिलाएं मौसमी फल, सब्‍जी, दूध, दही, रोटी खाने के साथ ही आयुर्वेदिक औषधि शतावरी को दूध (Milk) के साथ ले सकती हैं. 

तीसरा महीना– इस महीने में महिलाएं दूध और दूध से बने पदार्थ जरूर लें. जिनमें दही, पनीर, छाछ, घी शामिल है. इसके अलावा इस महीने से शहद लेना शुरू करें. 

चौथा महीना– चौथे महीने में दूध लेने के साथ ही आप मखान भी खा सकती हैं.  छाछ भी पीना फायदेमंद है. 

पांचवा महीना– पांचवे महीने की प्रेग्‍नेंसी में दूध और घी सीमित मात्रा में लें. 

छठा महीना– इस महीने में दूध, घी, मीठी चीजें, मीठे फल, अनाज आद‍ि का सेवन करें.

सातवां महीना– सातवें महीने में दूध प्रचुर मात्रा में पीएं.  इस महीने में घी का सेवन करें.

आठवां महीना- इस महीने में गर्भ में भ्रूण का वजन बढ़ना शुरू होता है. इस महीने में दूध का दलिया घी डालकर खाएं. 

नौवां महीना– इस महीने में पके हुए चावल घी के साथ खाएं जा सकते हैं. अगर कोई मांसाहारी है तो वह घी डालकर मीट सूप भी फायदेमंद है. ध्यान रहे कि एक बार अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा भी करलें. उसके बाद आप अपनी डाइट में सब कुछ शामिल कर सकती हैं. 

जानकरों के मुताबिक आयुर्वेद की ओर से बताया गया है कि प्रसव या डिलिवरी हो जाने के तुरंत बाद महिला को बिना दूध वाला दलिया दिया जा सकता है. इसमें जौ या गेंहू का दलिया हो सकता है.महिला को मूंग की दाल का पानी, चने की दाल, जौ या गेंहू का दलिया, पर्याप्‍त मात्रा में घी और तेल दिया जाना चाहिए. इनका खाना जीरा , सोंठ, कालीमिर्च और पीपल डालकर बनाया जाए. साथ साथ ही आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं क्योंकि बहुत महिलों को डिलीवरी के बाद दर्द और पस का सामना करना पड़ता है इसलिए डॉक्टर से सलाह मशवरा करके अपनी डाइट में चीज़ो को शामिल करें. 

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