कॉर्निया डैमेज कर सकता है काजल, एक्सपर्ट से जानिए लगाने का सही तरीका

Eye Infection due to Kajal: अगर काजल आंखों के बाहर, आईलिड के ऊपर लगाया जा रहा है तो उससे कोई दिक्कत नहीं है. महिलाएं अधिकतर काजल आईलिड की भीतरी लेयर की एज पर लगाती हैं.

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Neha Singh
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Kajal Side Effects

Eye Infection due to Kajal: काजल लगाना अमूमन हर महिला को पसंद होता है. लेकिन क्या आपको पता है गलत तरीके से काजल लगाना या फिर केमिकल युक्त काजल लगाना आपकी आंखों के लिए कितना घातक हो सकता है. इससे न केवल आपको आंखों में इंफेक्शन हो सकता है बल्कि इससे स्टाइ (Stye) जैसी आंखों की बीमारी भी हो सकती है. भारत के जाने-माने ऑप्थेमेलॉजिस्ट डॉ. अश्विन अग्रवाल हाल ही में एक पॉडकास्ट में आंखों की सेहत के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि अगर काजल आंखों के बाहर, आईलिड के ऊपर लगाया जा रहा है तो उससे कोई दिक्कत नहीं है. महिलाएं अधिकतर काजल आईलिड की भीतरी लेयर की एज पर लगाती हैं. इससे मिबोमिअन (Meibomian) ग्लैंड डिसफंक्शन हो सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में. 

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क्या है स्टाइ (Stye) बीमारी?

इसमें आईलिड की एज पर दाना या फुंसी जैसा हो जाता है. ज्यादा दिक्कत होने पर इसमें पस भी जमा होने लगता है. अगर स्थिति ज्यादा खराब हो जाए तो सर्जिकल ऑपरेशन के जरिए उसे रिमूव की नौबत भी आ जाती है. 

क्यों होता है मिबोमिअन ग्लैंड डिसफंक्शन?

मिबोमिअन (Meibomian) ग्लैंड डिसफंक्शन होने का मुख्य कारण काजल आईलिड की भीतरी लेयर की एज पर लगाना है. इससे काजल उस ग्लैंड के पोर्स के रास्ते को ब्लॉक कर देता है. जब  ग्लैंड से सीक्रेशन होता है लेकिन रास्ता ब्लॉक होता है तो वह बाहर नहीं आ पाता और फ्लुइड जमा होता रहता है. इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इससे ही स्टाइ (Stye) हो सकता है. 

काजल खरीदते समय ये बरतें सावधानी 

अगर आपको रोजाना काजल लगाना पसंद हैं, तो हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाला काजल खरीदें. 
हमेशा काजल की एक्सपायरी डेट की जांच करें.
काजल को कभी भी किसी के साथ शेयर न करें.
काजल लगाते समय हाथों को साफ रखें. कभी भी काजल को छुएं नहीं.
एक बात ध्यान रखें कि हर रात सोने से पहले काजल साफ करके सोएं.
काजल लगाने के लिए अगर आप ब्रश का इस्तेमाल करती हैं, तो इसे नियमित रूप से साफ करें.
यदि आंखों में कोई परेशानी महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें.

काजल में मिलाए जाते हैं ये केमिकल 

नीति आयोग और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) की एक रिपोर्ट में काजल में मिलाए जाने वाले केमिकल के बारे में बताया गया है. भारत में काजल और अन्य आई कॉस्मेटिक्स में शीशे (Lead) जैसे कणों की मात्रा 70% तक पाई गई, जो बच्चे या बड़े, सभी की आंखों के लिए बेहद खतरनाक है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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