अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य दिवस हर साल 28 मई को मनाया जाता है. महिलाएं कई गंभीर बीमरियों की चपेट में जल्दी आ जाती हैं. वहीं कई बीमारियां ऐसी भी होती हैं, जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखने को मिलती हैं. महिलाओं के कई मुद्दे ऐसे होते हैं जिनपर खुलकर बात नहीं होती है. जिन मुद्दों पर आमतौर चुप्पी साध ली जाती है. वो अपनी बातों को खुलकर नहीं कह पाती हैं. आज हम अंतर्राष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य दिवस पर बताएंगे कौन सी बीमारियों के बारे में बात नहीं होती है.
पीरियड्स
हर लड़की या महिला को पीरियड्स की दिक्कत होती है. जिसमें उन्हें काफी दर्द का सामना करना पड़ता है. वहीं कई महिलाएं इस पर खुलकर बात करने से आज भी हिचकिचाती हैं. कई महिलाएं असहनीय दर्द, पीसीओडी और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याओं से जूझती हैं, लेकिन वो शर्म की वजह से डॉक्टर से बात नहीं कर पाती हैं.
सेक्स के टाइम दर्द
अक्सर महिलाओं को सेक्स के टाइम काफी दर्द होता है. जिसके बारे में वो बात करने में हिचकिचाती हैं. सेक्स के दौरान होने वाला दर्द एंडोमेट्रियोसिस का लक्षण भी हो सकता है. ड्राई वेजाइना के कारण भी सेक्स करते समय दर्द हो सकता है.
मेनोपॉज
महिलाओं के जीवन में मेनोपॉड एक बड़ा बदलाव लेकर आता है. जिसमें उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मूड स्विंग्स, हड्डियों की कमजोरी और हार्मोनल असंतुलन जैसी दिक्कतों से उन्हें जूझना पड़ता है. जिसके बारे में वो बात करने से कतराती हैं.
Uterus से जुड़ी समस्याएं
फाइब्रॉइड्स, सिस्ट, एंडोमेट्रियोसिस और यूट्रस कैंसर जैसी बीमारियां महिलाओं में आम हो गई हैं. इन बीमारियों के लक्षणों को नजरअंदाज करना महिलाओं की सेहत के लिए नुकसानदाय हो सकता है. वहीं सही समय पर जांच और इलाज ना कराया गया तो इससे महिला की जान भी जा सकती है.
मेंटल हेल्थ
इन दिनों लोगों में तनाव बढ़ता जा रहा है. इसके पीछे कई दिक्कत हो सकती हैं. इससे नींद भी नहीं आती है. वहीं इससे महिला डिप्रेशन का भी शिकार होती हैं. इस टाइम उन्हें इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है.
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