ज्यादातर लोग हर टाइम चावल खाना पसंद करते है. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. दरअसल, चावल में आर्सेनिक की थोड़ी बहुत मौजूदगी होती है, लेकिन अब तक यह मानक के अंदर ही थी और नुकसानदायक नहीं थी, लेकिन जिस तरीके से अब अनाज में आर्सेनिक का स्तर बढ़ रहा है, वह एक गंभीर खतरे की आहट दे रहा है.
चावल खाने से खतरा
रिसर्च के मुताबिक चावल में आर्सेनिक का इजाफा हार्ट संबंधित रोगों, डायबिटीज और कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है. बता दें भारत समेत एशिया के कई देशों में चावल खाने का अहम हिस्सा माना जाता है. रिसर्चर्स का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते मिट्टी में आर्सेनिक की मात्रा में इजाफा हो रहा है. चावल में आर्सेनिक के स्थिति में फेफड़े, मूत्राशय और स्किन के कैंसर के साथ-साथ दिल की बीमारी होने की संभावनाएं बढ़ सकती है. इसके अलावा डायबिटीज होने के साथ गर्भावस्था में समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
7 एशियाई देश
रिसर्चर्स ने इस रिसर्च में 7 एशियाई देशों जिसमें बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमार, फिलीपींस और वियतनाम को शामिल किया. रिसर्चर्स के मुताबिक, फिलहाल दक्षिणी चीन और दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्रों में चावल का सेवन पहले से ही आर्सेनिक और कैंसर के खतरे की एक बड़ी वजह बना हुआ.
चीन पर खतरा
अगर चावल में आर्सेनिक की मात्रा में इजाफा हुआ तो चीन सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में शामिल होगा. यहां तकरीबन 1.34 करोड़ कैंसर के मामले सामने आ सकते हैं. वहीं ज्यादा तापमान और कार्बन डाइऑक्साइड में बढ़ोतरी के चलते यहां कैंसर के मामलों की संख्या बढ़कर 1.93 करोड़ होने की आशंका जताई गई है. इसके अलावा भारत में आर्सेनिक युक्त चावल खाने से कैंसर और हार्ट संबंधित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो सकता है.
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