HMPV Cases: गुजरात के साबरकांटा जिले में HMPV का नया मामला सामने आया है. इसकी चपेट में आठ साल का बच्चा सामने आया है. इस लड़के को मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV वायरस) से संक्रमित पाया गया है. इसके बाद से अब राज्य में HMPV के केस की कुल संख्या तीन हो चुकी है. इसकी जानकारी एक अफसर ने शुक्रवार को दी. इस बच्चे का इलाज हिम्मतनगर कस्बे के एक निजी अस्पताल में चल रहा है.
देश में लगातार HMPV के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसका ताजा मामला गुजरात के साबरकांटा जिले से सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक आठ साल लड़के को मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV वायरस) से संक्रमित पाया गया है. इसके बाद अब राज्य में HMPV के मामले की कुल संख्या तीन हो चुकी है. इसकी जानकारी एक अफसर ने शुक्रवार को दी.
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8 वर्ष के बच्चे को संक्रमण
प्रांतिज तालुका नाम का लड़का एक खेतिहर मजदूर परिवार से संबंधित है. इस लड़के ने एक निजी प्रयोगशाला में जांच कराई. यहां पर वह एचएमपीवी पॉजिटिव पाया गया. मगर स्वास्थ्य अफसरों ने पुष्टि को लेकर उसके रक्त का नमूना लिया. उसे सरकारी प्रयोगशाला में भेजा गया. बच्चा फिलहाल हिम्मतनगर कस्बे के एक निजी अस्पताल में भर्ती है. शुक्रवार को सरकारी लैब ने भी पुष्टि की है कि लड़का एचएमपीवी से ग्रसित है. फिलहाल उसका इलाज जारी है. उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
6 जनवरी को सबसे पहला मामला सामने आया
आपको बता दें कि गुजरात में एचएमपीवी का पहला मामला छह जनवरी को सामने आया. यहां पर दो माह के एक बच्चे में वायरल बीमारी थी. इसमें बुखार, नाक बंद होना, नाक बहना और खांसी जैसे लक्षण देखे गए.
इस तरह का एक मामला गुरुवार को अहमदाबाद शहर से सामने आया. यहां पर एक 80 वर्षीय शख्स में संक्रमण की पुष्टि हुई. उसका एक निजी अस्पताल में इलाज जारी है. डॉक्टरों का कहना है कि 2001 में इस वायरस की खोज हुई थी. HMPV पैरामाइक्सोविरिड परिवार से जुड़ा हुआ है. यह रिस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (Respiratory Syncytial Virus) से संबंधित बताया गया है. यह सांस से संबंधित बीमारी है. खांसने या छींकने से निकलने वाली सांस की बूंदों के साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित शख्स के संपर्क में आने से यह फैलती है.
बच्चों को HMPV से ज्यादा खतरा
बच्चों में HMPV का खतरा सबसे अधिक होता है. इसकी वजह इम्युनिटी होती है. बच्चों में यह काफी कमजोर होती है. वयस्कों की तुलना में उनका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर माना जाता है. इनमें इन्फेक्शन का खतरा सबसे अधिक होता है. ऐसे में बच्चों को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है.
HMPV से किस तरह से रहें सुरक्षित
HMPV से बचाव को लेकर किसी तरह की वैक्सीन तैयार नहीं हुई है. ऐसे में इससे बचाव करना, इससे निपटने का मूलमंत्र है सफाई. यह वायरस खांसी के ड्रॉप्लेट्स से फैलता है. ऐसे में हाथों की सफाई रखना बेहद जरूरी है. हाथों को साबुन से धोना जरूरी है.