उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा से पहले 12 खच्चरों में H3N8 इन्फ्लूएंजा वायरस पाया गया है. जिसके बाद लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. 2025 की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरु होने जा रही है, इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. वहीं, 2 मई से केदारनाथ धाम और 4 मई से बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. यह वायरस फैलने से लोगों में डर का माहौल है. आइए आपको बताते हैं कि यह वायरस क्या है और कितना खतरनाक है.
क्या है इन्फ्लूएंजा वायरस
इंफ्लूएंजा एक संक्रामक वायरल इन्फेक्शन है, जो हल्के से लेकर गंभीर लक्षणों को पैदा कर सकता है. इससे संक्रमित मरीजों को खांसी, बुखार, गले में खराश, बदन दर्द जैसी परेशानी होती है. वहीं, कुछ लोगों के लिए यह काफी खतरनाक भी शामिल हो सकता है.
इन लोगों को खतरा
यह 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज, अस्थमा, हार्ट डिजीज वाले मरीजों और अन्य कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसके फैलने का खतरा और गंभीर होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है.
ऐसे बरतें सावधानी
आप अगर चारधाम की यात्रा पर जा रहे हैं, तो आप यात्रा पर जाने से पहले फ्लू की वैक्सीन जरूर लगाएं. इसके साथ ही टाइम टू टाइम पर हाथ धोते रहें और आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखें. आप कोशिश करें भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से पहले मास्क पहनें और यात्रा के दौरान सही मात्रा में पानी पिएं और संतुलित आहार का सेवन करें.
12 खच्चर संक्रमित
हर साल करीब 20,000 खच्चर संचालक केदारनाथ यात्रा में लगाए जाते हैं. इस बार यात्रा शुरू होने से पहले प्रशासन ने सभी खच्चरों और उनके संचालकों की पंजीकरण और मेडिकल जांच की प्रक्रिया शुरू की थी. इसी के तहत जब जांच की गई तो 12 खच्चर संक्रमित मिले. संक्रमण की पुष्टि होते ही प्रशासन ने सभी संक्रमित खच्चरों को क्वारंटीन कर दिया है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)