एक्सपर्ट के मुताबिक, पुरुषों की ओर से बरती गई कुछ अनदेखी महिलाओं को कई तरह की बीमारियों का शिकार बना सकती है. पुरुषों की कुछ लापरवाही जो हमें मामूली लगती हैं, असल में वह महिलाओं की सेहत पर किसी साइलेंट अटैक की तरह असर करती हैं. ये गंभीर शारीरिक बीमारियों को भी न्योता दे सकती हैं. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
एंग्जायटी
रिश्तों में प्यार और समर्थन की कमी महिलाओं में एंग्जायटी, पैनिक अटैक और गंभीर हार्मोनल अंसतुलन का कारण बन सकती है. वहीं जब महिलाएं अपने पार्टनर से अपेक्षित सहयोग या समझ नहीं पाती हैं, तो वे लगातार तनाव में रहती हैं. यह तनाव कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ाता है, जिससे पीरियड्स और मूड स्विंग्स बढ़ते हैं.
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
यह एक हार्मोनल डिजीज है जिसके कारण अंडाशय बड़ा हो जाता हैं और बाहरी किनारों पर छोटे-छोटे सिस्ट हो जाते हैं. पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम का कारण अभी तक अच्छी तरह से समझा नहीं जा सका है.
थायराइड डिसफंक्शन
स्ट्रेस, तनाव अनियमित दिनचर्या और डाइट की कमी थायराइड को प्रभावित करने वाले मेन कारण है. वहीं जब पुरुष अपने पार्टनर के साथ पर्याप्त टाइम नहीं बिताते, घक के कामों में हाथ नहीं बटाते या इमोशनल सपोर्ट नहीं देते, तो महिलाओं पर काम और रिश्तों का बोझ बढ़ जाता है. यह स्ट्रेस सीधे थायराइड ग्लैंड को प्रभावित कर सकता है, जिससे थायराइड हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है.
अनियमित पीरियड्स
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और अनियमित पीरियड्स आजकल महिलाओं में आम समस्या बन गई है. अगर पुरुष अपने पार्टनर की जरूरतों को नहीं समझते, उन्हें पर्याप्त आराम नहीं मिलता या घर में सपोर्ट नहीं मिलता, तो तनाव का स्तर बढ़ जाता है. जिससे पीसीओएस और पीरियड्स की समस्या पैदा हो सकती है.
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई)
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) यानि पेशाब में होने वाला इंफेक्शन है. इस इंफेक्श की वजह से किडनी, यूटेरस , ब्लैडर सहित कोई भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यूटीआई होने की संभावना ज्यादा होती है. यूटीआई की परेशानी किडनी तक फैल कर सकती है.
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