पिछले कुछ टाइम से इंटरनेट पर बार-बार यह दावा किया जा रहा है कि ब्लैक ब्रा खासकर टाइट या अंडरवायर वाली ब्रा से ज्यादा गर्मी पैदा होती है और यह स्किन को नुकसान पहुंचाती है. ऐसे में कैंसर का खतरा बढ़ता है. कुछ लोग कहते हैं कि काले रंग की ब्रा सूरज की किरणें ज्यादा सोखती है, जिससे ब्रेस्ट टिश्यू में गर्मी बढ़ती है और कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. आइए आपको इसके पीछे की सच्चाई बताते हैं.
क्या कहती है रिसर्च
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नई स्टडीज में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि ब्रा का रंग ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है. 2014 में फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर सिएटल की एक स्टडी में 1500 महिलाओं पर रिसर्च की, जिसमें ब्रा पहनने की आदतों जैसे समय, टाइटनेस और रंग आदि का कनेक्शन ब्रेस्ट कैंसर के साथ नहीं पाया गया. 2023 में कैंसर रिसर्च यूके ने भी इस बात को दोहराया कि ब्रा का रंग या स्टाइल कैंसर से नहीं जुड़ा है. वहीं, 2024 में पब्लिश एक स्टडी में मैमोग्राम और बायोप्सी डेटा के आधार पर देखा गया कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए रिस्क फैक्टर्स में जेनेटिक म्यूटेशन (BRCA1 और BRCA2 जीन), फैमिली हिस्ट्री, हार्मोनल चेंजेज, मोटापा, शराब, स्मोकिंग और रेडिएशन का खतरा शामिल है. हालांकि, ब्रा का रंग या उसका टाइट होना, इसमें कहीं नहीं आता.
क्या है एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट के मुताबिक काली ब्रा और कैंसर का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं मिला है. यह एक मिथ है जो सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैला रहा है. ब्रेस्ट कैंसर का खतरा जेनेटिक्स, लाइफस्टाइल और उम्र की वजह से होता है. वहीं बहुत टाइट ब्रा पहनने से स्किन में जलन महसूस हो सकती है, लेकिन इसकी वजह से कैंसर नहीं होता है. उन्होंने सलाह दी कि महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राम और सेल्फ-चेकअप करवाना चाहिए. अगर आपको ब्रेस्ट में गांठ, निप्पल से स्राव या स्किन में बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
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