आचार्य बालकृष्ण ने बताया टॉन्सिल ठीक करने का घरेलू उपाय, मिलेगी राहत
Acharya Balkrishna Tips: टॉन्सिलिटिस, गले के अंदरूनी हिस्से में होने वाला एक तरह का इंफेक्शन है. इसे आम भाषा में टॉन्सिल कहते हैं. यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है.
Acharya Balkrishna Tips: टॉन्सिलिटिस, गले के अंदरूनी हिस्से में होने वाला एक तरह का इंफेक्शन है. इसे आम भाषा में टॉन्सिल कहते हैं. यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है.
Acharya Balkrishna Tips: टॉन्सिल की दिक्कत किसी भी मौसम में हो सकती है. इसमें गले में सूजन, दर्द और खुजली भी महसूस होती है. वहीं गले का इंफेक्शन सर्दियों में, मौसम में बदलाव होने पर और धूल-मिट्टी से हो जाता है. इनमें टॉन्सिल्स सबसे सामान्य प्रॉब्लम है, जो हर उम्र के लोगों के साथ होती है. इसमें गले के अंदरूनी हिस्सों में सूजन और दर्द होता है. टॉन्सिल्स में मरीज को खाना और पानी पीने में भी दिक्कतें होती हैं. वहीं आचार्य बालकृष्ण ने इसके उपाय बताए है.
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आयुर्वेदिक में क्या कहते हैं
आचार्य बालकृष्ण बताते हैं कि टॉन्सिल, जिसे आयुर्वेदिक भाषा में गंडमाला कहते हैं, इस रोग में कई बार गले का टॉन्सिल कानों तक बढ़ जाता है, जिससे गले से लेकर कान के आस-पास की त्वचा में भी दर्द होने लगता है. इस स्थिति में आमतौर पर लोगों को ऑपरेशन करवाने की सलाह दी जाती है. सर्जरी के बाद बच्चों को और भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए, आपको इसका घरेलू उपायों की मदद से ही इलाज करना चाहिए.
निर्गुणडी के पत्तों
टॉन्सिल ठीक करने के लिए आपको निर्गुणडी के पत्तों के पानी से गरारे करने हैं. इसके लिए आपको इनके कुछ पत्तों को पानी में डालकर अच्छे से उबालकर तैयार करना होगा. इस मिश्रण को रोजाना सुबह और शाम के समय 5- 5 मिनट गरारे करने होते हैं. साथ ही, निर्गुणडी के पत्तों का पेस्ट बनाकर अगर आप गले पर लगाते हैं, तो उससे सूजन में भी कमी आती है.
फिटकरी
टॉन्सिल की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप फिटकरी का प्रयोग कर सकते हैं. फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, इसलिए यह गले के संक्रमण को आसानी से दूर कर सकती है. टॉन्सिल होने पर फिटकरी के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से काफी लाभ मिल सकता है.
दालचीनी और शहद
दालचीनी और शहद, दोनों ही टॉन्सिल की समस्या में काफी फायदेमंद होते हैं. दालचीनी में दर्द निवारक गुण होते हैं. वहीं, शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं.