वर्षा ऋतु में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल, आचार्य बालकृष्ण ने बताया क्या खाएं, किन बातों का रखें ध्यान

Acharya Balkrishna Tips: सावन का महीना चल रहा है. ऐसे में इस बारिश के सीजन में खुद के स्वास्थ्य का कैसे ध्यान रखना है और क्या खाना है, इसे लेकर आचार्य बालकृष्ण ने कुछ टिप्स बताए हैं.

Acharya Balkrishna Tips: सावन का महीना चल रहा है. ऐसे में इस बारिश के सीजन में खुद के स्वास्थ्य का कैसे ध्यान रखना है और क्या खाना है, इसे लेकर आचार्य बालकृष्ण ने कुछ टिप्स बताए हैं.

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Yashodhan.Sharma
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Acharya Balkrishna Photograph: (Social)

Acharya Balkrishna Tips: वर्षा ऋतु का मौसम न सिर्फ हरियाली लेकर आता है बल्कि साथ ही कई बीमारियों को भी जन्म देता है. इस मौसम में कीचड़, गंदगी, नमी और बैक्टीरिया के फैलाव से शरीर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. ऐसे में आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि आयुर्वेद कहता है अगर आहार-विहार में सावधानी बरती जाए, तो हम इस ऋतु में भी खुद को स्वस्थ रख सकते हैं.

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आचार्य के अनुसार, वर्षा ऋतु विसर्ग काल की शुरुआत मानी जाती है, जब पाचन शक्ति अत्यंत कमजोर हो जाती है. नमी और वायु दोष के कारण गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याएं सामान्य हो जाती हैं. इस मौसम में वात और पित्त दोष अधिक प्रबल हो जाते हैं, जिससे सर्दी, खांसी, दस्त, पेचिश, मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है.

क्या खाना है जरूरी

वर्षा ऋतु में हल्का, सुपाच्य और गर्म भोजन करना चाहिए. पुराने अनाज जैसे गेहूं, जौ, मक्का (भुट्टा), चावल आदि का सेवन लाभकारी होता है. लौकी, टिंडा, तोरई, परवल जैसी हरी सब्जियां खाएं. पके हुए फल जैसे सेब, केला, अनार, देसी आम का सेवन करें. आम को चूसकर खाएं और कुछ देर बाद दूध पिएं. मैंगो शेक या बनाना शेक से परहेज करें. मट्ठा, छाछ में त्रिकटु, सेंधा नमक, अजवाइन मिलाकर पीना पाचन के लिए बहुत फायदेमंद है.

क्या नहीं करना चाहिए?

कटे-फटे फल या कीड़ों वाले फल-सब्जियां न खाएं. खरबूजा, तरबूज, खट्टे फल और कृत्रिम रूप से पके आमों से दूरी बनाएं. बोतलबंद पानी के बजाय उबला हुआ या फिटकरी मिलाया शुद्ध जल पिएं. गंदगी से बचें, शरीर को सूखा और साफ रखें.

सावधानी अपनाएं, संक्रमण से बचें

इस मौसम में मक्खी, मच्छर अधिक होते हैं. नारियल तेल में कपूर मिलाकर स्नान के बाद लगाने से दाद, खाज, खुजली से बचाव होता है. हल्की सिकाई, उबटन और साफ कपड़े पहनना भी उपयोगी है. 

वर्षा ऋतु में यदि आयुर्वेदिक दिनचर्या और ऋतुचर्या का पालन किया जाए, तो यह मौसम भी स्वास्थ्यवर्धक बन सकता है. देसी खान-पान और सावधानी ही शरीर को रोगों से दूर रखने की कुंजी है.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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