मानसून में इंफेक्शन न बना दे बीमार, विटामिन-सी का करे इस्तेमाल
मानसून की आहट के साथ ही बीमारियों के प्रकोप का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सकों ने बच्चों को सलाह दी है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए।
नई दिल्ली:
मानसून की आहट के साथ ही बीमारियों के प्रकोप का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सकों ने खासकर बच्चों को सलाह दी है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए, ताकि इस मौसम में शरीर में संक्रमित कोशिकाओं को खत्म करने में मदद मिल सके। बेंगलुरू के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) के हालिया अध्ययन में पाया गया कि विटामिन सी माइकोबैक्टिरियम स्मेगमेटिस को खत्म करता है, जो एक गैर-रोगजनक जीवाणु है।
दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन विभाग के प्रमुख एस.के.मुंधरा ने कहा, 'रोजाना कम से कम 500 मिलीग्राम विटामिन सी का सेवन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह प्रतिरक्षा में सुधार, कॉमन कोल्ड फ्लू तथा संक्रमण की गंभीरता और उसकी अवधि को कम करता है। लेकिन याद रखना चाहिए कि यह मात्रा रोजाना 1,000 मिलीग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए, क्योंकि किसी भी चीज की अति हानिकारक होती है।'
मुंधरा ने कहा, 'मानसून की शुरुआत से लेकर अब तक वह संक्रमण से ग्रस्त 200-250 मरीजों को देख चुके हैं। अगर कोई व्यक्ति विटामिन सी से भरपूर आहार लेता रहे, तो उनका प्रतिरक्षा तंत्र बढ़िया तरीके से काम करता है और संक्रमणकारी कोशिकाओं को ढूंढकर उन्हें नष्ट करता है।'
और पढ़ें: ऑटिज्म के मरीजों करना पड़ता है डेली लाइफ में मुश्किलोंं का सामना
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अधिकारियों के मुताबिक, हर साल मॉनसून में जनरल मेडिसिन ओपीडी में संक्रमण से ग्रस्त मरीजों की संख्या में 20-30 फीसदी तक का इजाफा होता है।
शहर के गंगा राम अस्पताल में मॉनसून के दौरान 20-30 फीसदी मरीज त्वचा से संबंधित संक्रमण के आते हैं।
और पढ़ें: IIFA 2017- रॉकस्टार गर्ल नर्गिस फाखरी के हॉट लुक ने इंटरनेट पर मचाई खलबली
सफदरजंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग में सीनियर रेजिडेंट चिकित्सक रीमा खन्ना ने कहा, 'ब्रूसेलॉसिस संक्रमण का एक अन्य प्रकार है, जो जानवरों में ज्यादा देखा जाता है और मनुष्यों को भी प्रभावित करता है। मनुष्य प्राय: इसके संपर्क में तब आता है, जब वह मॉनसून के मौसम में गैरपाश्चयुरीकृत दूध का सेवन करता है। जानवरों का मल बारिश के पानी में मिल जाता है और जब यह मनुष्य के शरीर में पहुंचता है, तो संक्रमण होता है, जो लीवर को प्रभावित करता है।'
और पढ़ें: तस्वीर के जरिए जानिए रोजर फेडरर से पीट सैम्प्रास तक विबंलडन कप जीतने वाले खिलाड़ियों के बारे में
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Sonu Sood WhatsApp Blocked: 2 दिन से बंद है सोनू सूद का व्हाट्सएप अकाउंट, नहीं कर पा रहे हैं जरूरतमंदों की मदद
-
Sahil Khan Arrested: महादेव बेटिंग ऐप केस में मुंबई पुलिस ने उठाया बड़ा कदम , एक्टर साहिल खान हुए गिरफ्तार
-
Samantha Ruth Birthday: साउथ इंडस्ट्री की दिवा 37 साल की हुईं आज, ऐसा रहा है सामंथा का फिल्मी करियर
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट