जानें, कैसे होता है किडनी ट्रांसप्लांट !
शनिवार को सुषमा स्वराज का नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में किडनी ट्रांस्प्लांट किया जाना है। सुषमा स्वराज को एक जीवित व्यक्ति ने अपनी किडनी दी है। आपको बताते हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट कैसे किया जाता है-
नई दिल्ली:
पूरे देश के लोग विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं। शनिवार को सुषमा स्वराज का नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में किडनी ट्रांस्प्लांट किया जाना है। सुषमा स्वराज को एक जीवित व्यक्ति ने अपनी किडनी दी है। आपको बताते हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट कैसे किया जाता है-
किडनी क्या है?
गुर्दा या किडनी एक मानव अंग हैं, जिनका प्रमुख कार्य मूत्र उत्पादन (खून को साफ कर) करना है। किडनी बहुत से वर्टिब्रेट पशुओं में मिलते हैं। ये मूत्र-प्रणाली के अंग हैं। इनके द्वारा इलेक्ट्रोलाइट, एसिड संतुलन और रक्तचाप को कंट्रोल करती है। इनका मल स्वरुप मूत्र कहलाता है। जिसमें प्रमुख रूप से यूरिया और अमोनिया होते हैं।
मानव गुर्दा लगभग 11-14 सेमी लंबा, 6 सेमी चौड़ा और 3 सेमी मोटा होता है।
किडनी ट्रांस्प्लांट क्या है ?
क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीज में दूसरे व्यक्ति (जीवित अथवा मृत) की एक स्वस्थ किडनी ऑपरेशन द्वारा लगाने को किडनी प्रत्यारोपण कहते हैं।
ऐसे होता है किडनी ट्रांस्प्लांट-
सर्जरी से पहले, डॉक्टर किडनी लेने वाले और किडनी दाता दोनों की फिटनेस की जांच की जाती है (यह जीवित किडनी दाता द्वारा प्रत्यारोपण में होता है)। उचित ब्लड ग्रुप, के मिलान के अलावा दोनों के खून के व्हाइट ब्लड सेल में उपस्थित पदार्थ एच. एल. ए. (Human Leucocytes Antigen) की मात्रा में साम्यता और टिश्यू क्रॉस मैचिंग की जाँच से किडनी प्रत्यारोपण होने या न होने को सुनिश्चित करता है।
ऑपरेशन से पहले मरीज के रिश्तेदार और किडनीदाता के रिश्तेदारों की सहमति ली जाती है। नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी फिजिशियन), यूरोलोजिस्ट (किडनी के सर्जन), पैथोलॉजिस्ट और अन्य प्रशिक्षण प्राप्त सहायकों के संयुक्त प्रयास से यह ऑपरेशन होता है। ऑपरेशन यूरोलॉजिस्ट करता है।
किडनीदाता और किडनी पाने वाले मरीज दोनों का ऑपरेशन एक साथ किया जाता है। यह ऑपरेशन साधारणतः तीन से चार घंटों तक चलता है।
क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीज की जब दोनों किडनी पूरी तरह खराब हो जाती है तो उसे सप्ताह में तीन बार नियमित डायालिसिस और दवाई की जरूरत रहती है। इस प्रकार के मरीज की अच्छी तबियत निर्धारित दिन और समय पर किये जानेवाले डायालिसिस पर निर्भर करती है।
किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज को इन सबसे मुक्ति मिल जाती है। सफलतापूर्वक किया गया किडनी ट्रांस्प्लांट उत्तम तरीके से जीने के लिये एकमात्र संपूर्ण और असरकारक उपाय है। किडनी प्रत्यारोपण जीवन के उपहार के रूप में जाना जाता है। इससे मरीज को सामान्य जीवन का अवसर मिलता है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट