उचित देखभाल के अभाव के चलते होती है दिल के मरीजों की मौत : रिपोर्ट
दिल के मरीजों की बेहतर देखभाल नहीं होने के कारण मौत हो जाने संबंधी हालिया रिपोर्ट चौंकाने वाली है.
नई दिल्ली:
दिल के मरीजों की बेहतर देखभाल नहीं होने के कारण मौत हो जाने संबंधी हालिया रिपोर्ट चौंकाने वाली है. त्रिवेंद्रम हार्ट फेलियर रजिस्ट्री (टीएचएफआर) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हार्ट फेलियर के 31 फीसदी मरीजों ने अस्पताल से डिस्चार्ज होने के एक साल के भीतर ही दम तोड़ दिया. रिपोर्ट के अनुसार, उचित देखभाल के अभाव में अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पहले तीन महीनों के भीतर ही हार्ट फेलियर के 45 फीसदी मरीजों की मौत हो गई.
इस रिपोर्ट से जाहिर है कि दिल के मरीजों के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के उनकी बेहतर देखभाल की जरूरत है. रिपोर्ट में कहा गया गया कि भारत में दिल की बीमारी एक महामारी बनकर उभर रही है और देश में करीब 80 लाख से 1 करोड़ लोग दिल की बीमारी से पीड़ित हैं.
और पढ़ें: World Asthma Day 2019: गर्भावस्था में दमा का अटैक गंभीर, बरतें सावधानी
इंटरनेशनल कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (आईएनटीईआर-सीएचएफ) के अध्ययन के अनुसार, पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में निम्न और मध्यम वर्ग के लोग इस बीमारी के ज्यादा शिकार होते हैं. हार्ट फेलियर के संबंध में जनजागरूकता का अभाव, बीमारी के लक्षणों को पहचनाने में देरी, जल्दी जांच और इलाज की समझ न होना और भारत में हार्ट फेलियर के इलाज के सीमित विकल्प के कारण मरीजों की असमय मौत हो जाती है.
कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) के अध्यक्ष डॉ. केवल गोस्वामी के अनुसार, 'दिल की मांसपेशियों के कमजोर होने का कोई विशेष कारण नहीं है. पहले दिल का दौरा पड़ना, इश्चेमिक हार्ट डिजीजेज, परिवार में ह्दय रोग के आनुवांशिक इतिहास, शराब या नशे का सेवन करने, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थिति हार्ट फेलियर का कारण बन सकती है.'
उन्होंने कहा, 'चिंता की बात यह है कि 50 साल से अधिक उम्र के लोग ही इसके लक्षणों को पहचानकर कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करते हैं. सांस लेने में तकलीफ, टखनों, पैर और पेट में सूजन आना व काम समय थकान महसूस करना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं.'
मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पाल मे ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. देव पहलजानी कहते हैं, 'हार्ट फेलियर के अधिकतर मरीजों की उम्र 50 साल से ऊपर होती है. इसमें से कम से कम 40 फीसदी महिला मरीज हैं. डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां और अनियमित जीवनशैली से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.'
ये भी पढ़ें: इन लक्षणों से पहचानें कहीं आपको दिल की बीमारी तो नहीं
हार्ट फेलियर पर सबसे बड़ी क्लीनिकल ग्लोबल स्टडी-पीएआरएडीआईजीएम-एचएफके अनुसार, एआरएनआई थेरेपी जैसे आधुनिक इलाज के विकल्पों के साथ जीवन शैली में सुधार से हार्ट फेलियर के मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है. इससे मृत्युदर और अस्पताल में बार-बार भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में 20 फीसदी की कमी आ सकती है. उन्होंने कहा कि दिल के मरीजों के लिए तेलीय पदार्थ, सिगरेट और शराब का सेवन हानिकारक है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Ranbir Kapoor-Alia Bhatt Daughter: आलिया-रणबीर की हैप्पी फैमिली वीडियो वायरल, राहा की क्यूटनेस ने जीते दिल
-
Bipasha Basu Anniversary: मॉरिशस में एनिवर्सरी मना रहे हैं बिपाशा बसु और करण ग्रोवर, देखें क्यूट वीडियो
-
Rishi Kapoor Anniversary: 'आप हमेशा साथ हैं...ऋषि कपूर की पुण्यतिथि पर बेटी रिद्धिमा और नीतू कपूर ने किया याद
धर्म-कर्म
-
Hanuman Chalisa Path Significance: बिस्तर पर बैठकर आप भी पढ़ते हैं हनुमान चालीसा, तो जानें इसके चमत्कार
-
Guru Gochar 2024 Kuber Yog: कल इन राशियों में बनने जा रहा है कुबेर योग, अचानक मिलेगा छप्पड़फाड़ धन
-
May Property Purchase Muhurat: मई 2024 में संपत्ति खरीदने के ये हैं 7 शुभ मुहूर्त, आप भी नोट कर लें
-
Love Rashifal 30 April 2024: इन राशियों की लव लाइफ में आएगी बड़ी परेशानी, जानें अपनी राशि का हाल