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कोई कंपनी फ़ॉर्म में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बता दे तो क्‍या वे विदेशी हो जाएंगे: CJI

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और हिंदू महासभा ने राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी.

Updated on: 09 May 2019, 02:26 PM

highlights

  • नागरिकता विवाद वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
  • यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और हिंदू महासभा ने दायर की थी याचिका
  • राहुल का नाम वोटर लिस्‍ट से भी हटाने की अपील की थी 

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के आरोपों वाली याचिका खारिज कर दी है. याचिकाकर्ता ने याचिका में गृह मंत्रालय को इससे जुड़ी शिकयत पर जल्द फ़ैसला लेने का निर्देश देने और राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से रोकने, वोटर लिस्ट से नाम हटाने की मांग की गई थी. याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्‍टिस रंजन गोगोई ने कहा, कोई कंपनी किसी फ़ॉर्म में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक के तौर पर मेंशन करती है, तो क्या ऐसा कर देने से भर वो ब्रिटिश नागरिक हो जाएंगे.

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और हिंदू महासभा ने राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी थी. यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के जयभगवान गोयल और हिंदू महासभा के चंद्रप्रकाश कौशिक द्वारा दाखिल की गई इस याचिका में राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिए जाने की भी मांग की गई थी.

याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी का नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की भी अपील की थी. आपको बता दें कि बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को नोटिस जारी करके 15 दिन में जवाब मांगा था. डॉ. स्वामी ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए कहा है कि राहुल गांधी के ब्रिटिश नागरिक होने के कारण उनके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए.

बता दें कि राहुल गांधी ने साल 2003 में अपने सहयोगी के साथ बैकऑप्स लिमिटेड नामक कंपनी का ब्रिटेन में रजिस्ट्रेशन करवाया था. इस कंपनी के दस्तावेजों में राहुल गांधी को कंपनी का डायरेक्टर और सचिव दिखाया गया था और राहुल गांधी की जन्मतिथि भी दर्ज थी. इस कंपनी द्वारा ब्रिटेन में दाखिल वार्षिक रिटर्न में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है. राहुल गांधी ने इस कंपनी को साल 2009 में बंद कर दिया था.