बसपा प्रमुख मायावती के लिए नरम कैसे पड़ गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आखिर क्या है रणनीति
एक दिन पहले प्रतापगढ़ और बस्ती की रैली में इसकी बानगी देखने को मिली, जब उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा मिलकर मायावती को धोखा दे रही हैं.
नई दिल्ली:
चुनाव प्रचार में महागठबंधन को ठगबंधन, महामिलावट और सराब की संज्ञा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक बसपा प्रमुख मायावती के प्रति नरम हो गए हैं. एक दिन पहले प्रतापगढ़ और बस्ती की रैली में इसकी बानगी देखने को मिली, जब उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा मिलकर मायावती को धोखा दे रही हैं. प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
प्रतापगढ़ की रैली में पीएम मोदी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए दो धुर विरोधी दल गले मिले. इनकी दोस्ती में तो अब दम नहीं दिख रहा है. यहां पर समाजवादी पार्टी ने बहन जी को ऐसा धोखा दिया है, जो उन्हें समझ में नहीं आ रहा है."
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प्रधानमंत्री ने कहा, "अब यह साफ हो चुका है कि सपा ने गठबंधन के बहाने प्रधानमंत्री पद का ख्वाब दिखाकर मायावती का तो चालाकी से फायदा उठा लिया. लेकिन अब बहन जी को समझ आ गया है कि सपा और कांग्रेस ने मिलकर बहुत बड़ा खेल खेला है." पीएम मोदी ने यह भी कहा, "सपा कांग्रेस के प्रति नरम रुख दिखा रही है, लेकिन बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस पर हमला बोल रही हैं."
प्रधानमंत्री ने कहा, "कांग्रेस नेता खुशी-खुशी समाजवादी पार्टी की रैलियों में मंच साझा कर रहे हैं. मायावती खुलेआम कांग्रेस की आलोचना करती हैं, कांग्रेस को कोसती हैं. वहीं समाजवादी पार्टी कांग्रेस पर नरमी दिखाती रही है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी मायावती को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि भले ही उनकी पार्टी से सपा ने समझौता किया है, लेकिन समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से गुप्त समझौता है.
क्यों नरम पड़ रही है बीजेपी?
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, "उत्तर प्रदेश में हमसे मुकाबला करने उतरे लोगों का साथ सिर्फ 23 मई तक का है. उन्होंने कहा कि 23 मई को बुआ बोलेंगी गुंडों का सरताज है बबुआ और बबुआ बोलेगा भ्रष्टाचार की प्रतिमूर्ति है बुआ.
पीएम मोदी और सीएम योगी के बयानों से लगता है कि बीजेपी को इस बात का डर है कि उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की वजह से उसे नुकसान हो सकता है, जिसकी भरपाई मायावती से की जा सकती है, जानकार बता रहे हैं कि बीजेपी की प्लानिंग उत्तर प्रदेश में भी बिहार का फॉर्मूला आजमाने की है.
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RPI नेता अठावले ने मायावती को किया रक्षा मंत्री का ऑफर
उधर, बीजेपी के सहयोगी दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास अठावले ने चुनाव के पांचवें चरण से पहले ही मायावती को रक्षामंत्री पद का ऑफर कर दिया है. रामदास अठावले ने कहा कि मायावती जी मेरे पार्टी में आकर मिल जाएं तो मैं उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाऊंगा और केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री का पद दिलाऊंगा.
क्षतिपूर्ति की तैयारी!
माना जा रहा है कि बीजेपी मायावती को लुभाने की कोशिश कर रही है. पीएम मोदी ने मायावती को भड़काने के लिए प्रियंका गांधी के वोटकटवा वाले बयान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "जो पार्टी पहले चरण के मतदान से खुद को प्रधानमंत्री पद की दावेदार बता रही है, वो मानने लगी है कि हम यूपी में सिर्फ वोट काटने के लिए लड़ रहे हैं. हम वोटकटुआ हैं."
अब देखना यह है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों से मायावती प्रभावित होती हैं या नहीं. हालांकि सियासत में कुछ भी संभव है. बिहार में आरजेडी-जेडीयू गठबंधन से हारने के बावजूद सरकार बनाकर बीजेपी अपनी इस क्वालिटी का प्रदर्शन कर चुकी है.
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