'मोदी है तो मुमकिन है'...10 बातें जो पीएम नरेंद्र मोदी के रहते ही हुईं संभव
सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे इस जुमले के लिए कहा गया है कि ऐसा संभव ही इसलिए हुआ, क्योंकि देश की बागडोर पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों में है.
highlights
- वंशवाद को बढ़ावा देने वालों को दिखाया आईना.
- अमेठी सीट कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से छीनी.
- आप के अस्तित्व पर लगा प्रश्नचिन्ह.
नई दिल्ली.:
भारतीय लोकतंत्र (Indian Democracy) की एक बड़ी खूबी चुनावी मौसम में रोचक नारों को गढ़ा जाना औऱ उन्हें फिर आम बोलचाल में इस्तेमाल में लाना है. गुरुवार को 2019 लोकसभा चुनाव परिणामों (2019 Loksabha ELections Results) ने एक बार मोदी सरकार (Modi Government) को केंद्र में बैठने का जनादेश दिया, तो कुछ लोग इसे अपने लहजे में व्यक्त कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने एक और नारे 'मोदी है तो मुमकिन है' को आधार बनाते हुए इस लोकसभा चुनाव की 10 बातों को जस्टीफाई करने की कोशिश की है. सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे इस जुमले के लिए कहा गया है कि ऐसा संभव ही इसलिए हुआ, क्योंकि देश की बागडोर पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों में है.
1. दीदी के किले बंगाल में सेंध
पश्चिम बंगाल (West bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (mamta banerjee) ने कई दशकों की मेहनत और राजनीति से बंगाल में लाल झंडे के शासन को खत्म किया था. यह अलग बात है कि बीजेपी ने दीदी के दूसरे कार्यकाल में ही उनके किले में सेंध लगा दी. सेंध भी ऐसी-वैसी नहीं, राज्य से वाम मोर्चे और कांग्रेस को पूरी तरह से खत्म कर संकेत दे दिया कि आने वाला समय तृणमूल कांग्रेस के लिए कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी बंगाल में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है.
यह भी पढ़ेंः अब Tsunami नहीं, TsuNaMo कहिए, मोदी ने छोटे दलों को ऐसे किया तबाह
2. ओड़िशा में दमदार उपस्थिति
बीजू जनता दल (BJD) के नवीन पटनायक (Navin Patnaik) की छवि इस कदर प्रखर है कि कांग्रेस साल दर साल अपना वजूद खोती जा रही है. यह अलग बात है कि इस बार राज्य विधानसभा चुनाव में भले ही बीजद ने अपनी सत्ता कायम रखी है, लेकिन बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने के साथ ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से नेता प्रतिपक्ष पद छीन लिया है. वह भी तब जब नरेंद्र मोदी ने ज्य़ादा आक्रामकता का प्रदर्शन किसी भी रैली नहीं किया. यह उपलब्धि भी मोदी प्रशंसक उनके ही खाते में डाल रहे हैं.
3. अमेठी में कांग्रेस की हार
खबर लिखे जाने तक अमेठी (Amethi) सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बीजेपी की प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से पीछे चल रहे हैं. हालांकि आगे-पीछे होने का यह सिलसिला दिन में कई बार सामने आया. हालांकि शाम होते-होते बीजेपी की स्मृति ईरानी ने दसियों हजार की बढ़त बना ली थी. इस आधार पर कह सकते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष की हार तय है. स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के लिए यह बहुत बड़ी जीत होगी. इसके साथ ही वायनाड पर ऐतिहासिक जीत राहुल गांधी के लिए फीकी पड़ गई है. इसने एक ऐसा दाग दिया है, जो आसानी से साफ होगा नहीं.
यह भी पढ़ेंः General election 2019: BJP के शानदार प्रदर्शन पर शत्रुघ्न सिन्हा ने PM मोदी को दी बधाई
4. प्रियंका रूपी ब्रह्मास्त्र हुआ भोथरा
हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) उत्तर प्रदेश की दो सीटों अमेठी और रायबरेली के लिए ही चुनाव प्रचार में उतरती थीं. इस बार पीएम नरेंद्र मोदी को हराने के लिए प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना चुनावी समर में उतारा गया. माना जा रहा था कि प्रियंका की उपस्थिति ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए पर्याप्त थी, लेकिन ऐसा कोई असर नहीं पड़ा. न सिर्फ राहुल गांधी परंपरागत अमेठी सीट हार गए, बल्कि पूर्वी यूपी की सीटों पर भी कांग्रेस दोहरी चुनौती भी पेश नहीं कर सकी.
5. महागठबंधन फेल
उप-चुनावों में संयुक्त प्रत्याशी की जीत ने सपा-बसपा-कांग्रेस-रालोद को महागठबंधन (Mahagatbandhan) बनाने को प्रेरित किया. राजनीतिक पंडितों ने भी यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश से बहुत बड़ा नुकसान होने जा रहा है. हुआ उलटा. यह प्रयोग यूपी से इतर तो वैसे ही नाकाम हो चुका था, लेकिन यूपी में इस लोकसभा चुनाव में इस प्रयोग की भी हवा निकल गई. महागठबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ा और कांग्रेस को तो काफी गहरा धक्का लगा है. यह भी मोदी का प्रदेश में की गई ताबड़तोड़ रैलियों और सभाओं से ही संभव हुआ.
यह भी पढ़ेंः Live: NDA को रुझानों में बढ़त मिलते ही चीन-रुस के बाद बांग्लादेश की पीएम ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को भेजा ये संदेश
6. कांग्रेस का कई राज्यों में सफाया
मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कश्मीर, सिक्किम, ओड़िशा, मणिपुर, हिमाचल, हरियाणा, बिहार, आंध्र प्रदेश आदि में कांग्रेस को भारी धक्का लगा है. कांग्रेस तीन विधानसभा चुनावों में मिली जीत की रवानगी जारी नहीं रख सकी. नतीजतन उसे राजस्थान और मध्य प्रदेश में करारी हार का मुंह देखना पड़ा. स्थिति यह रही है कि अब कुछ राज्यों में कांग्रेस हाशिए पर आ गई है या फिर एक-दो सीट पर सिमट गई है. ओड़िशा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है. यह भी 'मोदी मैजिक' (Modi Magic) का कमाल है.
7. वंशवाद का सफाया
कांग्रेस पर वंशवाद फैलाने का आरोप लगाने वाली बीजेपी ने इस चुनाव में कई परिवारों की राजनीतिक विरासत खत्म करने का काम किया. सबसे बड़ा झटका कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी सीट खोकर चुकाना पड़ा. भूपेंद्र सिंह हुड्डा, यूपी का यादव परिवार, सिंधिया घराने आदि सब खेत रहे. इस चुनाव में मोदी की उपस्थिति से परिवारवाद से इतर लोगों का ध्यान किए गए कामों पर गया. नतीजतन इसने पूरा खेल बदल दिया और मुद्दा विकास हो गया.
यह भी पढ़ेंः Lok Sabha Result: अखिलेश-मायावती की जातीय गणित का मिथक टूटा!
8. कई पूर्व सीएम खेत रहे
इसमें सबसे पहला नाम आता है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व सीएम और बीजेपी खासकर पीएम मोदी के लिए तीखे बयानों का इस्तेमाल करने वाले दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) का. उन्हें हिंदू आतंकवाद के नाम पर जेल में बंद की गई साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भोपाल (Bhopal) से हराया है. इसके अलावा अशोक चव्हाण, शीला दीक्षित, हरीश सिंह रावत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल संगमा, दिग्विजय चौटाला, सुरेंद्र छिक्कारा आदि का नाम शामिल है. दिग्विजय सिंह की हार कई लिहाज से बहुत बड़ी है. इसकी गूंज मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक सुनाई देगी.
9. दिल्ली में आप का सफाया
आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के लिए यह लोकसभा चुनाव अस्तित्व पर संकट बनकर आए हैं. उन्हें न सिर्फ दिल्ली की सातों सीटों पर करारी हार मिली, बल्कि यहां कई सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा. पंजाब और हरियाणा में भी आप की स्थिति बद्तर ही रही. गुरुवार को यह प्रश्न भी उठा कि क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव में मजबूती से उतर भी पाएंगे? यह भी पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से हुआ. केजरीवाल ने जो हमले बीजेपी खासकर मोदी पर किए वह बैकफायर कर गए.
यह भी पढ़ेंः जीत पक्की देख गौतम गंभीर ने किया ट्वीट, अरविंद केजरीवाल पर कही यह बड़ी बात
10. सबके सुर सुधरे
17वीं लोकसभा के लिए हुए प्रचार में पक्ष-विपक्ष के नेताओं की जबान कई-कई बार फिसली (Motor Mouth). बहुत कुछ कहा-सुना गया. यह सिलसिला एग्जिट पोल के बाद गुरुवार मतगणना शुरू होने तक चलता रहा. यह अलग बात है कि रुझान स्पष्ट होने के बाद नेताओं की जबान लाइन पर आने लगी. पीएम मोदी को कई मौकों पर बेहद गंदे तरीके से संबोधित करने वाली ममता बनर्जी ने भी उन्हें बधाई दी. राहुल गांधी ने भी शाम को बधाई दी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!