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इन 6 नक्शों मे जानें 2014 के बाद से अभी तक BJP का कैसा रहा उतार चढ़ाव

पीएम मोदी को 2014 में प्रचंड जनाधार मिला और 282 सीटों के साथ सरकार बनाने में सफल रही. वहीं एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को अन्य सहयोगी के साथ कुल 336 सीटें मिली.

Updated on: 21 Dec 2018, 12:39 PM

नई दिल्ली:

साल 2014 में मनमोहन सिंह की सरकार को हटाकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) सत्तासीन हुई. इससे पहले यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) 10 साल तक सत्ता में रही. पीएम मोदी को 2014 में प्रचंड जनाधार मिला और 282 सीटों के साथ सरकार बनाने में सफल रही. वहीं एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को अन्य सहयोगियों के साथ कुल 336 सीटें मिली. 1984 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी.

2014 तक बीजेपी अपने अन्य सहयोगियों के साथ कुल 7 राज्यों में (गुजरात, मध्यप्रदेश, गोवा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और नागालैंड) सत्तासीन थी. वहीं कांग्रेस जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, केरल, असम, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश, मिज़ोरम, मेघालय, और आंध्र प्रदेश यानी कि कुल 14 राज्यों में सत्ता में थी. वहीं तमिलनाडु, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा औऱ सिक्किम में अन्य दलों की सरकार थी.

बीजेपी के अच्छी बात यह रही कि लोकसभा चुनाव में मिली जीत को वो विधानसभा चुनाव में भी भुनाने में कामयाब रही. सिर्फ 2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में लोकसभा चुनाव जैसी हवा बरकरार रखने में कामयाब रही. बीजेपी हरियाणा चुनाव में सत्तासीन कांग्रेस और INLD (भारतीय राष्ट्रीय लोक दल) को ध्वस्त करने में कामयाब रही और पहली बार राज्य में सरकार बनाने में कामयाब रही.

इतना ही नहीं महाराष्ट्र में भी बीजेपी पूर्ण बहुमत में सरकार बनाने में सफल रही और देवेंद्र फडणवीस वहां के मुख्यमंत्री बने. महाराष्ट्र के बाद बीजेपी AJSU (ऑल झारखंड स्टू़डेंट यूनियन) के साथ मिलकर झारखंड में JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) और कांग्रेस को हराने में सफल रही.

वहीं जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को 25 सीटें मिली और वोट शेयर के मामले में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी. यानी कि 2014 ख़त्म होते-होते 12 राज्यों में बीजेपी की सरकार बन गई.

साल 2015 में दिल्ली और बिहार में बीजेपी चुनाव हार गई. बिहार में नीतीश कुमार की JDU (जनता दल युनाइटेड), लालू प्रसाद की RJD (आरजेडी) और कांग्रेस ने मिलकर 'महागठबंधन' बनाया और चुनाव में एनडीए को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया.

PHOTO: पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 

हालांकि साल 2016 में बीजेपी एक बार फिर से वापसी करने में कामयाब रही. साल के शुरुआत में ही असम चुनाव में बीजेपी को जबरदस्त कामयाबी मिली और सर्बानंद सोनोवाल वहां के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए. लेकिन इसके बाद तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी चुनाव में एक बार फिर से मुंह की खानी पड़ी.

साल 2017 बीजेपी के लिए ज़बरदस्त कामयाबी वाला साल रहा. साल के शुरुआत में फरवरी और मार्च महीने में पांच राज्यों में चुनाव हुए. यूपी में बीजेपी को 403 सीट में से 325 सीटें मिली वहीं उत्तराखंड में बीजेपी 70 सीटों में से 57 सीट जीतने में कामयाब रही. बीजेपी के लिए जश्न का दौर यहीं ख़त्म नहीं हुआ और वह गोवा और मणिपुर में भी सरकार बनाने में कामयाब रही.

बता दें कि इन दोनों राज्यों नें कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी. हालांकि इसी साल पंजाब में एनडीए को हार का मुंह देखना पड़ा और वहां कांग्रेस की सरकार बनी. इसी बीच बीजेपी को एक और बड़ी कामयाबी मिली जब नीतीश कुमार, लालू और कांग्रेस का साथ छोड़कर फिर से एनडीए में शामिल हो गए और इस तरह बिहार में भी बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही.

साल ख़त्म होते-होते बीजेपी हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी फ़तह करने में कामयाब रही और वहां भी सरकार बनाई. यानि कि साल 2017 ख़त्म होते-होते बीजेपी कुल 29 राज्यों में से 18 राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब रही.

2018 में बीजेपी ने एक और राज्य को अपनी झोली में डाल लिया. यानी कि 2018 में बीजेपी, जम्मू-कश्मीर (पीडीपी के साथ मिलकर), हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, हरियाणा, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र (शिवसेना के साथ मिलकर), आंध्र प्रदेश (टीडीपी के साथ मिलकर), बिहार (जेडीयू के साथ मिलकर), सिक्किम (SDF- सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ मिलकर) और नागालैंड (NPF- नागा पीपुल्स फ्रंट के साथ मिलकर) में सरकार बनाने में सफल रही.

यानि कि सिर्फ 5 राज्यों पंजाब, कर्नाटक, पुडुचेरी, मिज़ोरम और मेघालय में कांग्रेस की सरकार बची.

बाद में चंद्र बाबू नायडू नीत टीडीपी (तेलगू देशम पार्टी) एनडीए से अलग हो गई. इसके बावजूद बीजेपी त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में जीत की लहर बरक़रार रखने में कामयाब रही.

मई 2018 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिली इसके बावजूद वो दो दिनों के लिए राज्य में सरकार बनाने में कामयाब रही. हालांकि फ्लोर टेस्ट के दौरान मुख्यमंत्री येदियुरप्पा बहुमत साबित करने में नाकाम रहे और सरकार से इस्तीफ़ा दे दिया.

वहीं जून 2018 में बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती से अलग होने का फ़ैसला किया और वहां तब से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.

वहीं नवंबर 2018 में टीडीपी ने तेलंगाना में कांग्रेस का हाथ थाम लिया, इतना ही नहीं माना जा रहा है कि आंध्र प्रदेश में भी दोनों साथ आ सकते हैं.

दिसम्बर 2018 में बीजेपी तीन बड़े हिंदी भाषी राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में हार गई. यानी अब बीजेपी के पास कुल 17 राज्य हैं जहां उनकी सरकार सत्तासीन है. गौरतलब है कि इसी महीने मिज़ोरम में भी चुनाव हुआ.

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यहां सरकार बनाने वाली MNF (मिजोरम नेशनल फ्रंट) और NEDA (नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) का हिस्सा है.

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