ट्रेन में नींद लेकर सफर करने पर देना पड़ सकता है 10 फीसदी अधिक किराया, जानिए सच्चाई
अगर आप ट्रेन (Train) से सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि आप भी इस खबर की वजह से अपना कोई प्लान बिगाड़ सकते हैं.
नई दिल्ली:
अगर आप ट्रेन (Train) से सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि आप भी इस खबर की वजह से अपना कोई प्लान बिगाड़ सकते हैं. दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि रेलवे अपने सिस्टम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है. जो यात्री ट्रेन में नींद लेकर सफर करना चाहें तो रेलवे उन यात्रियों से 10 फीसदी अधिक किराया वसूल सकता है. इसको लेकर प्रस्ताव लाए जाने की बात भी कही जा रही है. लेकिन इस खबर की सच्चाई क्या है. इस बारे में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इसका फैक्ट चैक किया है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ अधिकारियों ने रेलवे के सिस्टम में बदलाव की रूप रेखा परिवर्तन संगोष्ठी में रखी है. इसमें 5-5 प्रमुख प्रस्ताव रेलवे में सर्कुलेट किए गए. बताया जा रहा है कि इसमें एक प्रस्ताव यह भी दिया गया कि जो यात्री ट्रेन में नींद लेकर सफर करना चाहें, रेलवे उनसे 10% अधिक किराया वसूल सकता है. जिसका दावा मीडिया रिपोर्ट्स में किया जा रहा है.
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मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बेडरोल के 25 रुपये को 60 रुपये करने का भी सुझाव दिया गया है. रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के प्रस्ताव को भी टॉप-5 में रखा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारी ने रेलवे से कहा कि ऐसी कोच में दिए जाने वाले बेडरोल का किराया पिछले 15 साल से 25 रुपये ही वसूला जा रहा है. लेकिन बाजार कीमतों के चलते अब इसे 55 से 60 रुपये किया जाना चाहिए.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जो यात्री ट्रेन में नींद लेकर सफर करना चाहें, रेलवे उनसे 10% अधिक किराया वसूल सकता है।#PIBFactCheck: यह दावा #भ्रामक है। यह केवल #Railwayboard को दिया गया एक सुझाव था। @RailMinIndia ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। pic.twitter.com/M4UFasUo6V
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 13, 2021
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हालांकि इस तरह के दावे को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने भ्रामक बताया है. पीआईबी फैक्ट चैक ने अनुसार, यह दावा भ्रामक है. यह केवल रेलवे बोर्ड को दिया गया एक सुझाव था. रेलवे मंत्रालय ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
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