अब मदरसों में भी पढ़ाई जाएगी गीता, रामायण और योग, जानिए कितनी सच्चाई है खबर में
मदरसों में एक नया युग शुरू होने वाला है. शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) मदरसों में नया पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है.
नई दिल्ली:
मदरसों में एक नया युग शुरू होने वाला है. शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) मदरसों में नया पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है. कक्षा 3, 5 और 8 के लिए बेसिक कोर्स की शुरुआत होगी. पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति का हिस्सा होगा. हालांकि इस बीच खबर यह आई कि मदरसों में बच्चों को गीता, रामायण और योग का पाठ भी पढ़ाया जाएगा. कहा जा रहा है कि एनआईओएस ने इनको पाठ्यक्रम में शामिल किया है. लेकिन मदरसों में बच्चों को गीता, रामायण पढ़ाए जाने की बात कितनी सच है, इस बारे में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इसका फैक्ट चैक किया है.
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दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग ने (NIOS) ने एक नया पाठ्यक्रम जारी किया है, जिसके तहत 100 मदरसों में गीता और रामायण पढ़ाई जाएगी. जिस पर पीआईबी फैक्ट चैक ने कहा कि इस समाचार में तथ्यों के साथ खिलवाड़ की गई है. पीआईबी ने कहा कि यह वास्तविकता से परे है और इसके पीछे दुर्भावनापूर्ण इरादा नजर आता है.
TOI has reported "NIOS to take Gita, Ramayan to Madrassas"#PIBFactCheck: The claim is #Misleading & misrepresent the truth. It is totally the discretion of the learner to opt for subject combination from the bouquet of the subjects provided by NIOS
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 4, 2021
Read:https://t.co/5ji1TXmjBL pic.twitter.com/J1ZSCbe1p6
पीआईबी फैक्ट चैक के मुताबिक, एनआईओएस मदरसों को एसपीक्यूईएम (मदरसों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान) के तहत मान्यता देता है. इस प्रावधान के अंतर्गत छात्रों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली के विपरीत निश्चित विषय संयोजन की बंदिशों के बिना विभिन्न विषयों की पेशकश की जाती है. एनआईओएस द्वारा उपलब्ध कराए गए विषयों में से विषय संयोजन का चयन करना छात्र के विवेक पर निर्भर है.
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पीआईबी ने यह भी बताया कि लगभग 100 मदरसों को एनआईओएस से मान्यता मिली हुई है, जिनमें 50,000 छात्र पढ़ते हैं. इसके अलावा, एनआईओएस की निकट भविष्य में लगभग 500 और मदरसों को मान्यता देने की योजना है. ऐसा पूरी तरह से मदरसों की मांग के आधार पर ही किया जाएगा.
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