क्या है ट्रेनों की मैराथन रेस का सच ? न्यूज नेशन ने किया खुलासा

सोशल मीडिया (social media)पर एक वीडियो वायरल है, इसमें चार ट्रेनें एक ही दिशा में दौड़ती नज़र आ रही हैं. दिखने में वीडियो बेहद खूबसूरत नज़र आ रहा है, लेकिन एक ही दिशा में चार ट्रेनों का दौड़ाना बेहद ख़तरनाक भी है. वीडियो में हर पल हादसे की आशंका दिख

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Sunder Singh
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race of trains( Photo Credit : News Nation)

सोशल मीडिया (social media)पर एक वीडियो वायरल है,  इसमें चार ट्रेनें एक ही दिशा में दौड़ती नज़र आ रही हैं. दिखने में वीडियो बेहद खूबसूरत नज़र आ रहा है, लेकिन एक ही दिशा में चार ट्रेनों का दौड़ाना बेहद ख़तरनाक भी है. वीडियो में हर पल हादसे की आशंका दिखाई दे रही है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि दुनिया में पहली बार इस तरह की रेस का आयोजन किया गया, इस रेस में चारों ट्रेन करीब 20 किलोमीटर दूर तक एक ही दिशा में दौड़ीं हैं.. इस रेस का मकसद भाप के इंजन की ताकत को फिर से परखना था. वीडियो को शेयर करते हुए एक आईपीएस अधिकारी रुपिन शर्मा ने लिखा है "एक ही दिशा में चलती ट्रेन का दुर्लभ वीडियो"

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न्यूज नेशन टीम ने कैसे की पड़ताल
दुनिया के ज़्यादातर देशों में इस वक्त बिजली से चलने वाली ट्रेनें दौड़ रही है, डीजल के इंजन भी धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं, ऐसे में वायरल वीडियो में भाप इंजन से ट्रेनों का दौड़ना शक पैदा करता है. मुमकिन है वीडियो पुराना हो, बस इसी बात को ध्यान में रखकर हमने वीडियो की पड़ताल की...गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से वीडियो को इंटरनेट पर सर्च किया तो हम BelbinVideo नाम के एक यू-ट्यूब चैनल पर पहुंचे...इस चैनल पर ये वीडियो 23 मार्च 2018 को अपलोड किया गया था. चैनल के डिस्क्रिप्शन में जो जानकारी दी गई उसके मुताबिक वीडियो विक्टोरिया स्ट्रीट स्टेशन का है.

दावा निकला सही 
हमने इंटरनेट पर विक्टोरिया स्ट्रीट स्टेशन के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि ये स्टेशन ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में है. पड़ताल में हमें '(The Maitland Mercury') नाम की एक वेबसाइट पर यही न्यूज़ मिली..इस रिपोर्ट में जो जानकारी दी गई उसके मुताबिक साल 2016 में न्यू साउथ वेल्स के विक्टोरिया स्ट्रीट स्टेशन पर ट्रेनों की इस अनोखी रेस का आयोजन किया गया था. इस रेस का नाम 'स्टीमफेस्ट ग्रेट ट्रेन रेस-2016' रखा गया था. इस रेस में 3642, 3016, 6029 और 5917 नंबर के भाप इंजन वाली ट्रेनों को शामिल किया गया था. इस तरह हमारी पड़ताल सामने आया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा सही है. हालांकि रेस कितनी दूरी तक हुई इसकी पुष्टि कहीं से भी नहीं हो सकी है.

HIGHLIGHTS

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 
  • पड़ताल में पाया गया, वीडियो 23 मार्च 2018 को अपलोड किया गया है
  •  पड़ताल के बाद वायरल वीडियो का दावा सच निकला 

Source : Vinod kumar

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