सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ लोग कोरोना की एक दवा पर रोक लगा रहे हैं. मैसेज में जिन लोगों का नाम दिया गया है उसके हिसाब से कुछ मुस्लिम लोग इस दवा पर रोक लगा रहे हैं. वायरल मैसेज में लिखा है, ' आयुष मंत्रालय में दवाईयों पर रिसर्च अप्रूवल देने वाले साइंटिफिक पैनल के टॉप 6 वैज्ञानिकों के नाम पढ़िए- असीम खान, मुनावर काजमीस खादीरुन निशा, मकबूल अहमद खान, आसिया खानुम, शगुफ्ता परवीन.'
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मैसेज में आगे लिखा है कि 'समझ जाइए कि रामदेव के कोरोनिल दवा पर रोक क्यों लगी थी. यही है सिस्टम जिहाद.?' इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि वैज्ञानिक पैनल में मौजूद मुसलमान दवा पर रोक लगा रहे हैं. लेकिन क्या इस दावे में सच्चाई है. आइए जानते हैं क्या है इस दावे का सच?
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क्या है इस दावे का सच?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है. इसकी पुष्टी पीआईबी की तरफ से भी की गई है. पीआईबी की मानें तो आयुष मंत्रालय में ऐसा कोई वैज्ञानिक पैनल है ही नहीं. ऐसे में ये साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसज गलत है.