फिल्ममेकर करण जौहर हमेशा से बॉलीवुड में नए टैलेंट को लॉन्च करने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन हाल ही में उन्होंने एक ऐसा खुलासा किया, जिसने यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ स्टार किड्स को ही नहीं, बल्कि सभी कलाकारों को एक खास नजरिए से देखते हैं. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने सिद्धार्थ मल्होत्रा, वरुण धवन और आलिया भट्ट को स्टूडेंट ऑफ द ईयर में लॉन्च किया, तो उन्होंने इन तीनों को कभी भी न्यूकमर की तरह ट्रीट नहीं किया, बल्कि पहले दिन से ही उन्हें सुपरस्टार की तरह रखा.
पहली ही फिल्म ने बनाया मेगास्टार
करण जौहर हाल ही में गेम चेंजर्स विद कोमल नाहटा में नजर आए, जहां उन्होंने स्टूडेंट ऑफ द ईयर की कास्टिंग को लेकर कुछ दिलचस्प बातें बताईं. जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने फिल्म शुरू करने से पहले किस पर दांव लगाया था, तो करण ने बताया कि सिद्धार्थ और वरुण पहले उनके असिस्टेंट रह चुके थे, जबकि आलिया से वह पहली बार तब मिले थे, जब वह स्कूल में पढ़ रही थीं.
करण ने कहा, "जब मैंने इन तीनों को लॉन्च किया, तो मैंने अपनी पूरी टीम से कहा कि इन्हें न्यूकमर की तरह ट्रीट मत करना. चाहे कोरियोग्राफर हो, प्रोडक्शन टीम हो या डिजाइनर, सभी को मैंने यही कहा कि इन्हें मेगास्टार जैसा फील कराओ."
न्यूकमर की तरह नहीं, बल्कि स्टार की तरह किया महसूस
करण का मानना था कि अगर किसी एक्टर को पहले दिन से ही सुपरस्टार की तरह महसूस कराया जाए, तो वह उसी कॉन्फिडेंस के साथ परफॉर्म करेगा. उन्होंने कहा, "मेरी टीम ने मुझसे पूछा कि इसका क्या मतलब है? मैंने कहा, 'अगर आप उन्हें वह कॉन्फिडेंस देंगे, तो वे कैमरे के सामने एक स्टार की तरह एक्ट करेंगे. लेकिन अगर आप उन्हें नए कलाकार की तरह ट्रीट करेंगे, तो उनकी परफॉर्मेंस भी वैसी ही होगी.' और ऐसा ही हुआ, तीनों ने स्टार जैसी परफॉर्मेंस दी."
आज भी हैं बेहद खास रिश्ते
करण ने यह भी बताया कि सिद्धार्थ, वरुण और आलिया उनके लिए सिर्फ प्रोफेशनल रिलेशन का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे उनके करीबी दोस्त बन चुके हैं. उन्होंने कहा, "ये सभी आज भी मुझे 'करणा' कहकर बुलाते हैं. हम चारों ने शूटिंग से पहले 12 दिनों तक एक साथ वर्कशॉप की थी, ताकि हम एक-दूसरे को अच्छे से समझ सकें."
बॉलीवुड में बनाई अपनी अलग पहचान
आज सिद्धार्थ मल्होत्रा, आलिया भट्ट और वरुण धवन बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स में शुमार हो चुके हैं. तीनों ने अपनी-अपनी अलग पहचान बनाई है और कई हिट फिल्में दी हैं. यह सब करण जौहर की उस सोच का नतीजा है, जिसमें उन्होंने अपने एक्टर्स को पहले ही दिन से सुपरस्टार मान लिया था. उनका यह तरीका शायद बॉलीवुड के बाकी फिल्ममेकर्स के लिए भी सीखने लायक है.
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