Govinda: 'साजन चले ससुराल', 'हसीना मान जाएगी', 'बड़े मियां छोटे मियां', 'शोला और शबनम', 'आंखें', 'राजा बाबू', 'कुली नंबर वन', 'दीवाना मस्ताना', जैसी कई फिल्मों के जरिए गोविंदा दर्शकों के दिलों पर राज कर चुके हैं. अपने जमाने में वह बाॅलीवुड के हीरों नबर वन कहलाते थे. जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग के साथ कमाल का डांस और गजब का एक्शन करने वाले गोविंदा उस दौर में टिकटविंडो पर फिल्म को बेचने वाला कम्पलीट पैकेज कहलाते थे. हां, वो बात अलग है कि अब गोविंदा फिल्मों से पूरी तरह से दूर हो चुके हैं लेकिन फिर भी वह किसी न किसी वजह से चर्चा में बने रहते हैं.
गोविंदा के जन्म से नाराज थे पिता
वैसे तो गोविंदा का करियर कब शुरू हुआ और किस तरह उन्होंने अपने करियर को तबाह कर लिया ये सारी बातें तो आप सब जानते ही होंगे. लेकिन शायद आप ये नहीं जानते होंगे कि जब गोविंदा का जन्म हुआ था तो उस दौरान उनकी मां ने एक ऐसा फैसला ले लिया था, जिसकी सजा गोविंदा को उनके पिता ने दी थी. इसकी वजह से एक्टर के पिता ने जन्म के बाद उन्हें गोद में लेने तक से इनकार कर दिया था. जानिए क्यों?
गोविंदा की मां ने लिया था ये फैसला
दरअसल, गोविंदा की मां निर्मला देवी जन्म से मुस्लिम थीं, पहले उनका नाम नजमा था. लेकिन बाद में उन्होंने अपना धर्म बदल लिया और हिंदू बन गईं और नाम बदलकर निर्मला देवी रख लिया. वहीं जब गोविंदा का जन्म होने वाला था तो उनकी मां ने साध्वी बनने का फैसला किया. इसके बाद गोविंदा की मां ने अपने पति से दूरी बना ली थी. इस बात से गोविंदा के पिता को नाराजगी थी. उनको लगता था गोविंदा के कोख में होने के कारण ही उनकी पत्नी ने साध्वी बनने का फैसला किया. ऐसे में जब गोविंदा का जन्म हुआ तो उनके पिता ने उन्हें गोद लेने तक से इंकार कर दिया. हालांकि, कुछ समय बाद जब परिवार ने समझाया तो पिता ने सभी गिले-शिकवे दूर कर दिए.
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