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केबीसी-13  के प्रतियोगी ज्ञान राज ने कहा, इनाम राशि पर्याप्त नहीं पर मिलेगी मदद

कौन बनेगा करोड़पति के प्रतियोगी ज्ञान राज ने बचपन से लेकर कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन से हुई भेंट होने तक के अपने पूरे सफर के बारे में बातचीत की.

Updated on: 24 Aug 2021, 02:43 PM

highlights

  • ज्ञान राज ने अमिताभ से बचपन की बातों का जिक्र किया
  • तीन लाख 20 हजार रुपये की पुरस्कार राशि जीते 
  • फिल्म थ्री इडियट्स से काफी प्रभावित थे ज्ञानराज

रांची:

कौन बनेगा करोड़पति के प्रतियोगी ज्ञान राज ने बचपन से लेकर कौन बनेगा करोड़पति में अमिताभ बच्चन से हुई भेंट होने तक के अपने पूरे सफर के बारे में बातचीत की. पुरस्कार राशि का उपयोग करने की योजना के बारे में बात करते हुए ज्ञान राज ने बताया,  जीत के बाद मिले पुरस्कार राशि उनके सपनों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. हालांकि इतना जरूर है कि इस राशि से बहुत हद तक उन्हें मदद मिलेगी. तीन लाख 20 हजार रुपये जीत चुके ज्ञान राज ने खुलासा किया कि वह शो के दौरान वह अमिताभ बच्चन के सामने ठीक से बोल नहीं पा रहे थे और बहुत घबराए हुए थे. हालांकि, उन्होंने कहा कि अमिताभ ने उन्हें अपने साधारण व्यवहार से उन्हें सहज रखा.

ज्ञान राज झारखंड के एक दूरदराज स्थित गांव में शिक्षक हैं. अमिताभ बच्चन के क्विज शो कौन बनेगा करोड़पति के प्रशंसक अब उन्हें हॉट सीट पर पहुंचने वाले सीजन के पहले प्रतियोगी के रूप में जानते हैं. उन्होंने तीन लाख 20 हजार पुरस्कार के रूप में जीते  हैं. उन्होंने अपनी प्रेरणा, आमिर खान की 3 इडियट्स और जीवन के अन्य पहलुओं पर बातचीत की.

मां की आंखों की सर्जरी में करेंगे पैसे का इस्तेमाल

उन्होंने कहा, वित्तीय अभाव के कारण लंबे समय से अपनी मां की आंखों की सर्जरी को टालते रहे हैं. मैं इस पैसे का उपयोग मां की आंखों की सर्जरी करवाने के लिए करूंगा. बहुत सी चीजें हैं जो मैं करना चाहता हूं, मैं अपनी पूरी कोशिश कर रहा हूं. मेरे स्कूल को बहुत सारी सुविधाओं की जरूरत है, हम उनमें से कुछ को भी फंड कर सकते हैं. 

कक्षा दो में ही पिता ने खरीदा था कंप्यूटर

अपने बचपन के बारे में बात करते हुए, ज्ञान राज ने कहा कि मेरी मां एक शिक्षिका हैं और मेरे घर में पढ़ाई का माहौल था. जब मैं कक्षा 2 में था, मेरे पिता ने मेरे लिए एक कंप्यूटर खरीदा था. यह एक अनोखी बात थी क्योंकि मेरे चारों ओर सिर्फ एक कंप्यूटर था. असल में 10-12 किलोमीटर के दायरे में किसी के पास कंप्यूटर नहीं था. यह 2004 की बात है. लोग हमारे पास आते थे और देखते थे कि कंप्यूटर कैसा दिखता है. कुछ ऐसे लोग भी होंगे जिन्हें वास्तव में कंप्यूटर पर काम की जरूरत भी रही होगी. इसे देखकर मैंने काफी अच्छा महसूस किया. यहां तक ​​कि राजनीतिक नेता भी हमारे पास ईमेल भेजने के लिए आते थे. यह सब देखने के बाद मैंने एक कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहा.

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फिल्म '3 इडियट्स' से थे काफी प्रभावित

ज्ञान राज ने यह भी कहा कि वह फिल्म 3 इडियट्स के रैंचो के आमिर खान की भूमिका से काफी प्रेरित थे. जब मैं 10वीं कक्षा में था, आमिर खान की '3 इडियट्स'  मैंने देखी. फिल्म में आमिर के किरदार रैंचो ने मुझे बहुत प्रभावित किया. मैंने सोचा कि मुझे इंजीनियर बनना चाहिए, लेकिन अपने गांव भी वापस जाना चाहिए. मैंने कुछ करने के लिए सोचा. कुछ ऐसा ऐसा करना चाहिए जिससे दुनिया मुझे ढूंढ़ने आए. मैं नौकरी के पीछे नहीं भागना चाहता था. आपको ऐसे काम करने चाहिए कि सफलता आपके पीछे दौड़े.

रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में प्रवेश मिलना सपने सच होने जैसा

 उन्होंने अपनी शिक्षा का विवरण भी साझा किया और कहा, मैंने पहले अपनी मैट्रिक की परीक्षा दी और अच्छा प्रदर्शन किया. फिर, मुझे रांची सेंट जेवियर्स कॉलेज में प्रवेश मिला और वह भी मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा था. बाद में, मेरे पास अच्छे प्रस्ताव थे लेकिन मैंने बीआईटी मेसरा के लिए चुना क्योंकि यह रांची में ही था. उन्होंने आगे कहा, मेरी मां की मस्तिष्क की सर्जरी हुई थी और मैं सप्ताह के अंत में देखभाल भी किया करता था. ​​मेरी मां की बातों ने मुझे काफी प्रेरित किया. वह कहती थीं, यदि आप चाहें तो एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की नौकरी करने के साथ-साथ आप एक साधारण जीवन जी सकते हैं, लेकिन यदि आप गांवों के छात्रों को प्रशिक्षित करते हैं तो यह बहुत बेहतर चीजों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा. इसने मुझे बहुत प्रेरित किया.