Ratan Thiyam Death: मनोरंजन जगत से एक बुरी खबर सामने आ रही है. भारतीय नाटककार और रंगमंच निर्देशक रतन थियम का बुधवार (23 जुलाई) को निधन हो गया है. रतन थियम पिछले काफी समय से बीमार थे और उनका इम्फाल के रिम्स अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली.कांग्रेस के लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई ने पोस्ट शेयर कर उनके निधन की की पुष्टि की है. रतन थियम का जन्म मणिपुर में हुआ था और उनके पिता मणिपुरी नृत्य शैली के कलाकार थे. जिसकी वजह से रतन को बचपन से ही कला के क्षेत्र में जाना था.
रतन थियम का करियर
रतन थियम के करियर की बात करे तो उन्होंने पेंटिंग, कविता और लघु कहानियों से अपने कला-सफर की शुरुआत की थी. शुरुआती दौर में वो नाट्य समीक्षक के रूप में भी सक्रिय रहे, फिर धीरे-धीरेवो खुद नाटक लिखने और निर्देशित करने लगे. 1970 के दशक में रतन थियम ने 'थिएटर ऑफ रूट्स' आंदोलन को नई पहचान दी. इस आंदोलन का उद्देश्य था- 'भारतीय संस्कृति, दर्शन और पारंपरिक कला रूपों को नाट्य मंच पर फिर से दिखाना.' उनके नाटक में कहानी के साथ-साथ संगीत, सीन, डायलॉग भी कमाल के होते थे.
पद्मश्री से किया गया सम्मानित
रतन थियम (Ratan Thiyam) ने 'National School of Drama' में प्रेसीडेंट के रूप में 5 साल अपनी सेवाएं दी. इस दौरान उन्होंने थिएटर की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई अहम फैसले लिए. वहीं, उन्होंने संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया था. उनके प्रसिद्ध नाटकों में ‘उत्तर प्रियदर्शी’, ‘करणभारम्’, ‘द किंग ऑफ डार्क चैंबर’ और ‘इम्फाल इम्फाल’, 'चक्रव्यूह' और 'ऋतुसंहारम' शामिल हैं. उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था.
ये भी पढ़ें- 'मैंने पहले कभी नहीं किया', संजय दत्त संग इंटीमेट सीन करने से घबरा गई थी ये एक्ट्रेस