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बस कंडक्टर से आरजे फिर बने बाॅलीवुड के सुपरस्टार
Sunil Dutt birth anniversary: हिंदी सिनेमा में ऐसे कई एक्टर्स रहे हैं जिन्होंने काफी संघर्ष के बाद सफलता हासिल की. इन्हीं में से एक नाम सुनील दत्त का भी है, जो सफल होने के बाद भी पर्सनल लाइफ में संघर्ष करते रहे. कभी पत्नी की बीमारी तो कभी बेटे की गलत संगत, लेकिन फिर भी सुनील दत्त ने इन मुश्किल हालातों से कभी हार नहीं मानी. भले ही आज सुनील दत्त हमारे बीच नहीं हैं लेकिन फिर भी अपनी फिल्मों के जरिए लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे.आज सुनील दत्त की 96वीं जयंती के मौके पर आपको उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जो रहे हैं जिनके बारे में आपको शायद ही पता हो.
सुनील दत्त का बचपन
बता दें कि सुनील दत्त का जन्म 6 जून 1929 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब के झेलम (अब पंजाब पाकिस्तान में) के एक साधारण परिवार में हुआ था.सुनील दत्त पंजाबी ब्राह्मण हिंदू परिवार से बिलॉन्ग करते थे. सुनील दत्त का जीवन बचपन में बेहद ही तंगहाली में बीता था.उन्होंने बचपन के दिनों से ही कई उतार-चढ़ाव देखे. जब वह 5 साल के थे तभी उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. फिर जैसे-तैसे उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. जय हिंद कॉलेज, मुंबई में उन्होंने हायर एजुकेशन के लिए एडमिशन लिया. वहीं पढ़ाई के साथ ही पेट पालने के लिए उन्होंने काम की तलाश शुरू कर दी. इस तलाश में उन्हें बस कंडक्टर की नौकरी मिली और वो मजबूरी में इसे करने लगे. वहीं कुछ दिनों तक कंडक्टर की नौकरी करने के बाद उन्होंने रेडियो जॉकी के तौर पर काम किया. कई सालों तक इसे करने के बाद उन्हें पहली फिल्म हाथ लगी. साल 1955 में उन्हें उनकी पहली फिल्म 'रेलवे प्लेटफॉर्म' में काम किया था. बस इसी शुरुआत के साथ उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
सुनील दत्त की फिल्में
सुनील दत्त ने अपने करियर में 'मदर इंडिया', 'साधना', 'इंसान जाग उठा', 'सुजाता', 'मुझे जीने दो', 'पड़ोसन' जैसी कई फिल्मों में काम किया है और हर फिल्म में उनका अलग, अंदाज, अवतार और तेवर देखने को मिला. वह एक्टिंग के साथ-साथ राजनीति में भी कामयाब रहे. यही वजह है कि उनकी राजनीतिक विरासत को उनकी बेटी प्रिया दत्त आगे लेकर जा रही हैं.
सुनील-नरगिस की लव-स्टोरी
वहीं सुनील दत्त जब रेडियो में काम करते थे तभी एक दिन उन्हें उस दौर की सुपरस्टार नरगिस का इंटरव्यू करने का मौका मिला. सुनील दत्त उस वक्त नरगिस के बहुत बड़े फैन थे और उनसे प्यार भी करते थे लेकिन उस समय सभी को पता था कि नरगिस के दिल में राज कूपर हैं तो सुनील दत्त ने कभी अपने दिल की बात नहीं कही.लेकिन जब सुनील दत्त को नरगिस के साथ 'मदर इंडिया' मे ंकाम करने का मौका मिला तो मानो उनका सपना ही पूरा हो गया. इस फिल्म में वो नगरिस के बेटे बने थे. बताया जाता है कि इसी फिल्म के दौरान सुनील दत्त ने नरगिस को शादी के लिए प्रपोज कर दिया था.बताया जाता है कि नरगिस और राज कपूर का रिश्ता तब टूट चुका था और नरगिस को सहारा चाहिए था. बाद में उन्होंने सुनील दत्त को हां कहा और साल 1958 में दोनों ने शादी कर थी. लगभग डेढ़ साल के बाद सुनील और नरगिस को पहली संतान संजय दत्त हुए और उसके बाद उन्हें दो और संतानें हुईं जो प्रिया और नम्रता दत्त हैं.
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