Bollywood Actress: बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे स्टार्स हैं, जिन्होंने अपने करियर में सफलता हासिल की है. वहीं, कुछ ऐसे भी है जिनकी शुरुआत तो अच्छी रही, लेकिन बाद में वो स्टार गुमनामी में चला गया. आज हम एक ऐसी ही एक्ट्रेस के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने ज्यादातर बंगाली फिल्मों में काम किया. फिर जब वो बॉलीवुड फिल्मों में आई तो उन्हें काफी लोकप्रियता मिली. लेकिन एक फ्लॉप फिल्म ने इस एक्ट्रेस की पूरी जिंदगी बदल कर रख दी. ये हसीना एक कमरे में कैद हो गई और परिवार को भी मिलने की इजाजत नहीं थी. यहां तक कि मौत के समय भी किसी को उन्हें देखने की इजाजत नहीं थी.
कौन है ये एक्ट्रेस?
ये एक्ट्रेस हैं, दिलीप कुमार के साथ ‘देवदास’ फिल्म में पारो का किरदार निभा चुकी सुचित्रा सेन (Suchitra Sen). जो गुलज़ार की फिल्म ‘आंधी’ की नायिका भी थीं. एक्ट्रेस की तुलना पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से की जाती थी. सुचित्रा ने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया. लेकिन जब 1978 में आई फिल्म प्रणय पाशा के बाद उन्होंने चकाचौंध भरी दुनिया से दूरी बना ली थी. सुचित्रा अपने समय की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस में से एक हुआ करती थी. लेकिन एक फ्लॉप फिल्म के बाद उन्होंने कोलकाता शहर में एकांत जीवन जीने का फैसला लिया. वो 36 सालों तक एक कमरे में कैद रही. यहां तक कि उनके परिवार को भी मिलने की इजाजत नहीं थी. जब वो कमरे से बाहर आती थी तो अपना चेहरा ढक लेती थी.
कमरे में कैद क्यों हुई एक्ट्रेस?
कहा जाता है कि सुचित्रा सेन नहीं चाहती थीं कि कोई उन्हें बूढ़ा होते देखे. इसलिए उन्होंने खुद को कैद कर लिया था. हालांकि लेखक गोपाल कृष्ण रॉय ने एक्ट्रेस के जीवन पर किताब लिखी थी और उनके अनुसार, , एक संत के कहने पर सुचित्रा ने समाज में रहने से मुंह मोड़ लिया था. दरअसल, अपनी आखिरी फिल्म ‘प्रणय पाशा’ के फ्लॉप होने के बाद, सुचित्रा बहुत दुखी हुईं और कोलकाता के पास रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय चली गईं. वहां भरत महाराज नाम के एक पवित्र व्यक्ति से मिलीं और घंटों रोती रहीं. किताब के अनुसार एक्ट्रेस से महाराज ने कहा कि लोभ लालच मत करो. फिर एक्ट्रेस एकांत में चली गई थी. सुचित्रा सेन का 17 जनवरी 2014 को हार्ट अटैक से निधन हो गया था.
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