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Sunjay Kapur Will Case
Sunjay Kapur Will Case: करिश्मा कपूर के एक्स दिवंगत पति और बिजनेसमैन संजय कपूर की 30,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर चल रहा कानूनी विवाद अब और गहराता जा रहा है. शुक्रवार, 21 नवंबर को इस मामले में नया ट्विस्ट आया, जब संजय कपूर की दूसरी पत्नी प्रिया सचदेव के 6 साल के बेटे की ओर से करिश्मा कपूर के बच्चों द्वारा दायर याचिका का विरोध किया गया.
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस ज्योति सिंह के सामने सुनवाई के दौरान, प्रिया के बेटे की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अखिल सिब्बल ने दलील दी कि करिश्मा की बेटी समायरा कपूर और नाबालिग बेटे द्वारा वसीयत की प्रामाणिकता पर उठाए गए सवाल सिर्फ अटकलों और अनुमानों पर आधारित हैं.
वसीयत सौंपने में देरी का आरोप बेबुनियाद
पीटीआई के मुताबिक, सिब्बल ने कहा कि वसीयत परिवार को देने में किसी तरह की देरी नहीं हुई थी. उनके अनुसार, 30 जुलाई को हुई बैठक में वादी पक्ष को वसीयत से तीन बातें स्पष्ट रूप से पता थीं- वसीयत की तारीख, गवाह, उन्हें वसीयत से बाहर रखा गया है. वकील ने कहा कि इस बैठक के बाद 22 अगस्त तक करिश्मा के बच्चों की ओर से वसीयत की कॉपी मांगने के लिए कोई संपर्क नहीं किया गया.
कॉन्फिडेंशियलटी डॉक्यूमेंट पर साइन न करना बना वजह?
सिब्बल का कहना था कि वसीयत की कॉपी सिर्फ इसलिए नहीं दी गई क्योंकि वादी पक्ष ने गोपनीयता दस्तावेज (confidentiality document) पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि करिश्मा के बच्चों को पहले से पता था कि उनका नाम वसीयत में नहीं है, इसलिए वो किसी भी हाल में वसीयत को चुनौती देने वाले थे, भले वह असली हो या नकली.
'मुकदमा इसलिए दायर किया क्योंकि नाम नहीं था'
सिब्बल ने कहा कि वादी यह दावा कर सकते थे कि उन्हें वसीयत की कॉपी नहीं दी जा रही, इसलिए मामला संदिग्ध है. लेकिन उन्हें पहले से पता था कि वसीयत में उनका नाम नहीं है, इसलिए यह चुनौती रणनीति का हिस्सा थी.
परिवार में कोई तनाव नहीं था
अखिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि संजय कपूर के निधन से पहले परिवार में किसी तरह की कोई दरार नहीं थी और सभी रिश्ते सामान्य और सौहार्दपूर्ण थे. यह बयान प्रिया के उस दावे के ठीक एक दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पति द्वारा पत्नी को संपत्ति देना उनके ससुराल की हेल्दी परंपरा रही है- संजय के पिता ने भी अपनी संपत्ति अपनी पत्नी के नाम की थी.
अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद
कोर्ट ने अब इस मामले की अगली तारीख एक हफ्ते बाद के लिए तय कर दी है. इसके साथ ही कोर्ट करिश्मा के बच्चों की उस याचिका पर भी सुनवाई कर रही है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि, वसीयत विवाद के निपटारे तक प्रिया सचदेव को कोई संपत्ति बेचने, किसी को स्थानांतरित करने या उसमें बदलाव करने से रोका जाए. करिश्मा के बच्चों ने वसीयत की प्रामाणिकता पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं.
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