/newsnation/media/media_files/2025/09/03/rishi-kapoor-birth-anniversary-when-actor-had-to-listen-i-will-not-kiss-you-your-mouth-stinks-about-2025-09-03-15-43-32.jpg)
Rishi Kapoor Birth Anniversary
Rishi Kapoor Birth Anniversary: बॉलीवुड में कई चेहरे आए और गए, लेकिन कुछ सितारे ऐसे होते हैं जो सिनेमा से आगे बढ़कर लोगों के दिलों में हमेशा के लिए अपनी जगह बना लेते हैं. दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर ऐसे ही एक चमकते सितारे थे. एक दौर था जब हर नौजवान उनके जैसा दिखना चाहता था, और लड़कियां उनकी मासूम मुस्कान पर फिदा थीं. लेकिन कैमरे की चकाचौंध के पीछे, ऋषि कपूर की जिंदगी भी आम इंसानों जैसी थी- जिसमें प्यार था, रिश्तों की गर्माहट थी और कुछ कमजोरियां भी.
सिगरेट की आदत और एक मासूम पल की ताकत
ऋषि कपूर लंबे समय तक चेन स्मोकर रहे. लेकिन एक मासूम सी बात ने उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी. उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला’ में बताया है कि कैसे उनकी छोटी सी बेटी की एक सच्ची और मासूम टिप्पणी ने उन्हें सिगरेट छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया.
उन्होंने लिखा, 'मैं बहुत ज्यादा स्मोकिंग करता था, लेकिन मैंने तब सिगरेट छोड़ दी, जब मेरी बेटी ने कहा- ‘मुझसे आपको सुबह-सुबह किस नहीं होगा, क्योंकि आपके मुंह से बदबू आती है.’ उस दिन के बाद से मैंने सिगरेट को हाथ नहीं लगाया.'
एक बाल कलाकार के तौर पर की शुरुआत
ऋषि कपूर का जन्म 4 सितंबर 1952 को मुंबई में हुआ था. वो हिंदी सिनेमा के लीजेंड राज कपूर के बेटे थे और बचपन से ही फिल्मी माहौल में पले-बढ़े. 1970 की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में बतौर बाल कलाकार उन्होंने पहली बार कैमरे का सामना किया और इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. लेकिन असली स्टारडम उन्हें 1973 में ‘बॉबी’ से मिला. सिर्फ 21 साल की उम्र में वो रोमांस के नए पोस्टर बॉय बन गए.
एक के बाद एक हिट फिल्में
ऋषि कपूर ने ‘कर्ज’, ‘सरगम’, ‘प्रेम रोग’, ‘चांदनी’, ‘नगीना’, ‘नसीब’, ‘कुली’, ‘सागर’ और ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी कई सुपरहिट फिल्में दीं. 70 और 80 के दशक में वो सबसे व्यस्त और सबसे ज्यादा कमाई करने वाले अभिनेताओं में गिने जाते थे. समय के साथ उन्होंने रोमांटिक हीरो की छवि को तोड़ा और ‘अग्निपथ’, ‘कपूर एंड सन्स’, ‘102 नॉट आउट’ जैसी फिल्मों में चरित्र भूमिकाओं से भी दर्शकों का दिल जीत लिया.
परदे के बाहर का हीरो
ऋषि कपूर सिर्फ परदे पर ही नहीं, बल्कि निजी जीवन में भी एक सच्चे हीरो थे. पत्नी नीतू सिंह के साथ उनका रिश्ता फिल्मी दुनिया के सबसे मजबूत रिश्तों में से एक माना जाता है. 1980 में बेटी रिद्धिमा के जन्म ने उन्हें पहली बार पिता बनने का सुख दिया. अपनी आत्मकथा में उन्होंने लिखा कि रिद्धिमा के आने से वह 'सातवें आसमान पर' थे. बाद में बेटे रणबीर कपूर का जन्म हुआ, और उनका परिवार पूरा हो गया. ऋषि कपूर ने स्वीकार किया कि वह अपने बेटे रणबीर कपूर के लिए एक दोस्त जैसे पिता नहीं बन पाए. लेकिन उन्होंने यह भी माना कि रणबीर अपने बच्चों के साथ जरूर एक अलग और बेहतर रिश्ता बनाएगा.
150 से ज्यादा फिल्मों में दमदार अभिनय
आपको बता दें कि ऋषि कपूर ने अपने करियर में 150 से अधिक फिल्मों में काम किया. उन्हें ‘बॉबी’ के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड, ‘दो दूनी चार’ के लिए क्रिटिक्स अवॉर्ड और ‘कपूर एंड सन्स’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड मिला. उनके अभिनय में एक सच्चाई और सहजता थी, जो हर किरदार में झलकती थी.
कैंसर से जंग और अंतिम विदाई
2018 में उन्हें कैंसर का पता चला, जिसके इलाज के लिए वे न्यूयॉर्क गए. लगभग एक साल इलाज कराने के बाद जब वह भारत लौटे तो फिर से फिल्मों में लौटने की कोशिश की. लेकिन बीमारी ने उन्हें ज्यादा वक्त नहीं दिया. 30 अप्रैल 2020 को ऋषि कपूर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
ये भी पढ़ें: 'उसने मुझे छूने की कोशिश की', इस एक्ट्रेस के साथ दिनदहाड़े हुई थी छेड़छाड़, बिगड़ गई थी हालत