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Film Tumbbad
Film Tumbbad: आज से ठीक एक साल पहले भारतीय सिनेमा ने एक अनोखा कल्चरल फिनॉमिना देखा था, जब तुम्बाड सिनेमाघरों में फिर से लौटी और बॉक्स ऑफिस के सारे नियम बदल दिए. 2024 में फिल्म फिर रिलीज होने के बाद, न सिर्फ देश की सबसे अधिक कमाई करने वाली री-रिलीज़ बन गई, बल्कि एक नया ट्रेंड भी शुरू किया, जिसने री-रिलीज को एक सफल व्यापार मॉडल बना दिया.
2018 में रिलीज हुई तुम्बाड, एक विजनरी एपिक थी, जिसे सोहम शाह ने सिर्फ प्रोड्यूस ही नहीं किया, बल्कि उसमें उन्होंने टाइटल रोल भी निभाया था.
भारतीय सिनेमा की सबसे दिलचस्प कहानी
वहीं लंबे समय से भारतीय सिनेमा की सबसे दिलचस्प कहानी में इसे गिना जा रहा है, लेकिन इसे अपनी पहली रिलीज के दौरान वह मुकाम नहीं मिला था, जिसकी वह असल में लायक थी. लेकिन, छह साल बाद जब फिल्म दोबारा रिलीज हुई तो उसे वो पहचान मिली जिसकी वो हमेशा हकदार थी. ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध होने के बावजूद दर्शक सिनेमा हॉल के बाहर लाइन में लगे. तुम्बाड की इस जीत ने साफ साबित कर दिया कि बड़े पर्दे का जादू आज भी ज़िंदा है, बस जरूरत है सही विज़न के साथ उसे पेश करने की.
फिल्म की सफ़लता
यह पल सिर्फ आंकड़ों की वजह से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक बदलाव की वजह से भी ऐतिहासिक बन गया. 'तुम्बाड' की वापसी ने एक नई लहर पैदा की, जिसने उन फ़िल्मों के बारे में बातचीत फिर से शुरू की, जिनकी सराहना नहीं हुई थी, और अन्य फिल्म निर्माताओं और डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए फिल्मों को फिर से सिनेमाघरों में रिलीज़ करने का रास्ता खोला. इसकी सफ़लता ने कई ऐसी फ़िल्मों के लिए दरवाज़े खोल दिए, जिन्हें उनकी पहली रिलीज़ के दौरान लाइमलाइट में आने का मौक़ा नहीं मिला था, जिससे उन्हें चमकने का दूसरा मौक़ा मिला.
एक साल बाद भी, 'तुम्बाड' की री रिलीज को बॉलीवुड सिनेमाई इतिहास में एक अहम बदलाव के रूप में याद किया जाता है, न सिर्फ एक बॉक्स ऑफिस पर हुए एक घटना के तौर पर. इसने इस सोच को बदल दिया है कि एक फिल्म की दोबारा रिलीज़ क्या हासिल कर सकती है और यह भी दिखाया है कि अच्छी फिल्में, कितनी भी देर से आएँ, दर्शकों को हमेशा खोज लेती हैं. जैसे-जैसे बॉलीवुड आगे बढ़ रहा है, 'तुम्बाड' की विरासत खड़ी है, यह याद दिलाती है कि शानदार फिल्में हमेशा के लिए हैं, और कभी-कभी इतिहास दूसरे मौके पर भी लिखा जाता है.